मुंबई, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। शिवसेना ने वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोतने वाले शिवसैनिकों की पीठ थपथपाई है।
मुंबई, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। शिवसेना ने वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोतने वाले शिवसैनिकों की पीठ थपथपाई है।
इस बीच शिवसेना के एक नेता ने कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा का गठबंधन बना रहेगा।
पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री खुर्शीद अहमद कसूरी की किताब के विमोचन समारोह की मेजबानी करने की वजह से कुलकर्णी पर स्याही पोती गई थी। कुलकर्णी का भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से नजदीकी रिश्ता रहा है। उन पर हमले की हर तरफ निंदा हुई है।
लेकिन, चौतरफा निंदा से बेपरवाह शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कुलकर्णी को स्याही पोतने वाले सभी छह पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने घर ‘मातोश्री’ बुलाया और उनकी जमकर तारीफ की। पार्टी के कुछ नेता इन छह कार्यकर्ताओं को ‘हीरो’ कह रहे हैं।
इन छह कार्यकर्ताओं के नाम गजानन पाटील, प्रकाश असबे, अशोक वाघमारे, समाधान जगदर, सरजेराव जाधव और वेंकटेश नायर हैं।
इन्हें सोमवार देर रात गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।
इस घटना ने शिवसेना और भाजपा के रिश्ते में तनाव बढ़ा दिया है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री रामदास कदम ने इन अनुमानों को खारिज किया कि दोनों पार्टियों का असहज गठबंधन टूट सकता है।
कदम ने कहा, “हम भाजपा से नाखुश हैं। उन्होंने अंबेडकर स्मारक की आधारशिला रखे जाने के दौरान राजनीति खेली। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि गठबंधन टूट जाएगा। इस बारे में कोई भी फैसला पार्टी प्रमुख करेंगे।”
भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा कि कदम के बयान के बाद राज्य सरकार के अस्तित्व पर लगाई जा रही तमाम अटकलों पर विराम लग जाना चाहिए।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक और सांसद संजय राउत ने कहा कि कसूरी के कार्यक्रम को समर्थन देकर भाजपा ने राज्य की छवि पर बट्टा लगाया है।
उन्होंने कहा कि सेना का पाकिस्तान विरोधी रुख जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कुलकर्णी पर हमले से देश की हैसियत बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जिस पुलिस को पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ने के लिए अपने जवानों की कुर्बानी देनी पड़ी थी, उसी पुलिस को कसूरी की सुरक्षा के लिए बाध्य होना पड़ा।
राउत ने कहा, “इससे अधिक अपमानजनक और कुछ नहीं हो सकता।”
इससे पहले सामना के एक लेख में कुलकर्णी को पाकिस्तानी एजेंट बताया गया।
सामना में लिखा गया, “जब कुलकर्णी जैसे लोग मौजूद हों तो फिर पाकिस्तान को क्या जरूरत है अजमल कसाब जैसे आतंकवादियों को भारत भेजने की? सौ कसाब मिलकर वह नहीं कर सकते जो कुछ कुलकर्णी कर सकते हैं।”
सामना में लिखा गया, “यह शर्मनाक है कि देशभक्तों द्वारा पोती गई स्याही के साथ कुलकर्णी कैसे घंटों घूमते रहे और कैसे उन्होंने अपनी सेल्फी ट्वीटर पर डाली, यह आरोप लगाते हुए कि यह शिवसैनिकों ने किया है।”