भोपाल [ब्यूरो]। किसी की पत्नी होना कोई गुनाह नहीं है। आयकर विभाग ने छापे में मेरे पति आईएएस अरविंद जोशी के साथ मेरा नाम दुर्भावनापूर्ण तरीके से जोड़ा है। यह बात टीनू जोशी ने मुख्य सचिव आर परशुराम को पत्र लिखकर कही है। उन्होंने कहा कि आईएएस राजेश राजौरा के प्रकरण में संदिग्ध भूमिका निभाने वाले अनूप दुबे तत्कालीन अतिरिक्त संचालक अन्वेषण ने ही मुझे कूटरचित और षड्यंत्रपूर्वक फंसाया है।
श्रीमती जोशी ने कहा कि 4 मई 2010 को आयकर छापे में मिली अकूत संपत्ति के लिए मेरे पति अरविंद जिम्मेदार हैं, मैं नहीं। इसके बावजूद तत्कालीन संचालक अन्वेषण दुबे के निर्देश पर जोशी के साथ मेरा नाम अप्रैजल रिपोर्ट में डाला। पूरी रिपोर्ट गलत, कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से बनाई गई है। मेरे प्रकरण में श्री जोशी के प्रकरण के साथ जो़़डकर कार्यवाही की जा रही है। मेरी अपनी अलग पहचान है, मैं स्वतंत्र सरकारी सेवक हूं। अपने पति पर निर्भर नहीं हूं। सबसे ब़़डी बात यह है कि पूरे प्रकरण में मेरे विरद्ध कोई साक्ष्य नहीं है।
बगैर तथ्यों के जांच की
श्रीमती जोशी ने पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और जोशी दंपति प्रकरण में जांच अधिकारी पर ऊंगली उठाते हुए कहा कि उन्होंने भी सिर्फ मीडिया और आयकर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर पूरी जांच की है। उन्होंने मेरे मौखिक बयान और कागजी तथ्य तक नहीं लिए। श्रीमती जोशी ने कहा कि जांच अधिकारी होने के नाते श्रीमती बुच को साक्ष्यों के तार्किक विश्लेषषण कर जांच करनी थी, लेकिन उन्होंने भी पति अरविंद के साथ जो़़डकर जांच में मुझे दोषषी ठहरा दिया।
मुख्य सचिव की तारीफ की
टीनू जोशी ने अपने पत्र में मुख्य सचिव आर. परशुराम को न्याय प्रिय अफसर बताते हुए तारीफ के पूल बांधे हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा जून 2012 में दिए गए अभ्यावेदन पर सदभावना पूर्वक एक बार फिर से विचार किया जाए। श्रीमती जोशी ने कहा कि आयकर विभाग ने मेरा पूरा कैरियर बर्बाद कर दिया। मैं चार साल से निलंबित हूं। अब सेवानिवृत्ति के लिए मात्र एक साल बचा है। ऐसे में मेरे अभ्यावेदन पर विचार कर मुझे इन आरोपों से मुक्त किया जाए।
दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई
टीनू जोशी, आईएएस ने बताया कि आईएएस राजौरा के प्रकरण में हाईकोर्ट के फैसले ने भी साबित कर दिया है कि आयकर विभाग मध्यप्रदेश के अफसरों पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई कर रहा है।
आरोप बेमतलब
निर्मला बुच, पूर्व मुख्य सचिव ने बताया कि किसी के आरोप लगाने से क्या होता है। जांच की एक निर्धारित नियम-प्रक्रिया होती है। मैंने जांच अधिकारी के हैसियत से इन्हीं नियमों का पालन करते हुए अरविंद-टीनू जोशी के प्रकरण की जांच की है।