नई दिल्ली- संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन से संबंधित सोशल मीडिया खातों पर पाबंदी लगाने का आरोप लगाया है। एसकेएम का कहना है कि वह केंद्र सरकार के निर्देश पर लगी पाबंदियों का कड़ा विरोध व निंदा करता है, बिना किसी चेतावनी के किसान मोर्चा से जुड़े सोशल मीडिया हैंडल समेत करीब एक दर्जन ट्विटर अकाउंट को भारत में बंद कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा मांग की है कि किसान-मजदूर की बुलंद आवाज किसान एकता मोर्चा व ट्रैक्टर टू ट्विटर समेत तमाम ट्विटर अकाउंट, जिन्हें अलोकतंत्रिक व अतार्किक रूप से बंद किया गया है, उन्हें बहाल किया जाए।
एसकेएम ने कहा, “जिन सोशल मीडिया अकाउंट पर पबंदी लगी उनमें ट्रैक्टर टू ट्विटर जैसे महत्वपूर्ण एकाउंट भी है। इस संदर्भ में महत्वपूर्ण बात यह है कि केंद्र सरकार ने यह किसान-विरोधी कदम उठाने के लिए आपातकाल के दिन को ही चुना। 25, 26 जून 1975 की रात, जब देश में आपातकाल लगाई गई थी, भारत के लोकतंत्र में एक काला दिवस माना जाता है।”
“ठीक उसी तरह आज भाजपा ने सरकार से सवाल करने वाले इन अकाउंटों की आवाज बंद करने के लिए ट्विटर पर दबाव बनाया है, जिससे ट्विटर ने इन अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।”