नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को किसानों व ग्रामीणों को अपनी आय बढ़ाने के लिए मधुमक्खी फार्मिग, नीम के बीज बेचने व सी वीड फार्मिग जैसे क्षेत्रों में सहकारी समितियों से मदद लेने की सलाह दी।
लक्ष्मणराव ईनामदार की 100वीं जयंती की वर्षगांठ पर उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, “सहकारी आंदोलन सिर्फ व्यवस्था के बारे में नहीं है। इसमें वह भावना है, जो लोगों को कुछ अच्छा करने के लिए साथ लाती है। बहुत से क्षेत्र हें, जिसमें सहकारी समितियां सहायता से एक सकारात्मक अंतर पैदा कर सकती हैं। किसान व गांव के लोग सहकारी समितियों के सहयोग से बहुत से क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य कर सकते हैं।”
ईनामदार ने महाराष्ट्र में सहकारी आंदोलन को नई ऊंचाई दी थी।
मोदी ने कई क्षेत्रों को गिनाया, जिससे किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और सरकार के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को आसान बना सकते हैं।
उन्होंने कहा, “श्वेत व हरित क्रांति के बाद अब यह समय ‘नीली क्रांति’ व ‘मीठी क्रांति’ का समय है, जिसमें सहकारी समितियां मदद कर सकती हैं। यह संभव नहीं है कि शहर आगे बढ़ जाएं और गांवों को पीछे छोड़ दिया जाए। सामूहिक विकास की जरूरत है।”
मोदी ने किसानों को सलाह दी कि वे मधुमक्खी फार्मिग, नीम के बीज कारखानों को बेचने व पशुपालन व दूसरे क्षेत्रों में अपनी आय बढ़ाने में सहकारी समितियों की मदद लें।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मछुआरे जब पांच महीने बेरोजगार रहते हैं, वे बारिश के मौसम में सी वीड फार्मिग कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने सहकारी समितियों से जुड़े लोगों से उस पुरानी प्रणाली के बारे में सोचने को कहा, जिसमें किसान खुदरा खरीदता है और थोक में बेचता है। उन्होंने कहा, “क्या इस प्रणाली को दलालों से किसानों को बचाने के लिए पलटा जा सकता है?”