नई दिल्ली/जयपुर, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) की रैली में किसान की खुदकुशी की घटना की गूंज गुरुवार को लोकसभा में भी सुनाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की खुदकुशी को खत्म करने के लिए सामूहिक तौर पर संकल्प लेने का आह्वान किया, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि केंद्र दिल्ली पुलिस के सहारे उसपर निशाना साध रही है।
संसद के दोनों सदनों-लोकसभा व राज्यसभा में विभिन्न पार्टियों के सदस्यों ने लोगों की मौजूदगी में किसान को आत्महत्या से न रोक पाने पर सवाल उठाया और इसको लेकर दिखाई गई असंवेदनशीलता पर अफसोस जाहिर किया।
राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुधवार को पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
गजेंद्र के चाचा गोपाल सिंह ने आईएएनएस से कहा, “किसी ने भी उसे पेड़ पर चढ़ने से क्यों नहीं रोका? क्यों आप के किसी भी नेता ने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया? कई सारे सवाल हैं जिनके जबाव नहीं मिले हैं। उसकी मौत के लिए हम पुलिस और आप के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हैं। अगर किसी ने भी तेजी दिखाई होती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।”
वहीं, आप की जनसभा के दौरान किसान के खुदकुशी मामले की दंडाधिकारी जांच में शामिल होने से दिल्ली पुलिस ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि नामित अधिकारी का मामले में कोई क्षेत्राधिकार नहीं है। साथ ही उसने कहा कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
लोकसभा में एक बयान जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
किसान को बचाने में दिल्ली पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाने वाली आप ने राजनाथ सिंह पर गुमराह करने वाला बयान देने का आरोप लगाया।
आप नेताओं ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल एक औजार के रूप में करने का भी आरोप लगाया।
आप ने गुरुवार को मृतक गजेंद्र के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता देने तथा उसके बच्चों को शिक्षा में सहायता का वादा किया।
संजय सिंह के नेतृत्व में आप के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मृतक के दौसा जिला स्थित गांव के दौरे की संभावना है।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा, “खुदकुशी को लेकर पूरा देश गमगीन है और इस मुद्दे के अंत के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।”
मोदी ने कहा, “आज की चर्चा में सामूहिक संकल्प की बात सामने आनी चाहिए, ताकि हमारा कोई किसान नहीं मरे (आत्महत्या)। सदन से मेरी यह प्रार्थना है।”
राजनाथ ने कहा कि सरकार और विपक्ष को विश्लेषण करना चाहिए कि आजादी के इतने साल बाद भी किसानों की स्थिति में सुधार क्यों नहीं आया।
उन्होंने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1950-51 में भारत की कुल जीडीपी में किसानों का योगदान 55 प्रतिशत रहा, जो घटकर 14 प्रतिशत हो गया। हालांकि, देश की 58 प्रतिशत आबादी अभी भी कृषि में भी संलग्न है।
मोदी इससे पहले दिन में इस घटना को लेकर अपने मंत्रियों से मिले और राजनाथ सिंह ने उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, “जब घटना घटित हो रही थी, उस समय किसी ने उसे क्यों नहीं रोका? क्यों पुलिस ने कुछ नहीं किया? क्यों नेताओं ने अपना भाषण जारी रखा? इसके अलावा असंवेदनशील भाषणों पर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “हम सभी पहले इंसान हैं। हम सभी को आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। जब वह खुद को फंदे पर टांग रहा था, कुछ लोग तालियां बजा रहे थे।”
इस दौरान, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पर कैंडल भी जलाए।