भोपाल-मध्य प्रदेश में सोयाबीन पीला सोने के नाम से जाना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा बन गई है। सरकार की गलत नीतियों के कारण सोयाबीन उत्पादक किसानों को काफी निराश होना पड़ रहा है। आलम यह है कि 12 वर्षों पहले सोयाबीन जिस भाव से बिक रहा था आज उससे भी कम भाव चल रहे हैं। इसे लेकर किसानों में भयंकर आक्रोश है और यह महाआंदोलन का रूप लेता नजर आ रहा है। रविवार को किसानों ने विदिशा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेर लिया।
दरअसल, 1 सितंबर से प्रदेशभर के सोयाबीन उत्पादक किसानों ने भाव बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस दौरान सैंकड़ों पंचायतों में किसानों द्वारा प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मध्य प्रदेश में ही थे। शिवराज को उनके लोकसभा क्षेत्र विदिशा में ही किसानों ने घेर लिया और सोयाबीन का रेट 6 हजार प्रति क्विंटल करने संबंधी ज्ञापन सौंपा।
इससे पहले विपक्षी नेताओं से लेकर देश के बड़े किसान संगठनों द्वारा प्रदेश के किसानों के इन मांगों का समर्थन किया जा चुका है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी सीएम डॉ. मोहन यादव को लेटर लिखकर 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल सोयाबीन का दाम तय करने की मांग कर चुके हैं। साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत भी सोयाबीन किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। टिकैत ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है।