उन्होंने कामना की कि नव वर्ष पर ईश्वर मुख्यमंत्री योगी को सदबुद्धि दे, ताकि वह किसानों के प्रति दादागीरी का रवैया अपनाना बंद करें। उन्होंने कहा कि यदि सीएम ने अपना रवैया नहीं बदला तो प्रदेश के किसान लखनऊ से गोरखपुर तक उनका घेराव करके रास्ता रोकने में पीछे नहीं हटेंगे।
डा. मसूद अहमद ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में किसानों की बदहाली का सबसे बड़ा प्रमाण छुटटा जानवरों द्वारा किसानों की फसल को चर जाना है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश के किसानों को बर्बाद करने के लिए ही मुख्यमंत्री ने इस प्रकार के भाषण दिए हैं कि किसानों को जानवरों से डरना पड़ रहा है और शायद भाजपा ने किसानों की बर्बादी के लिए ही योगी का महिमा मंडन किया है।
उन्होंने कहा कि एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय दुगुनी करने की बात करते हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी किसानों की फसल जानवरों से चरवाते हैं। ऐसा विरोधाभास प्रदेश सरकार के इतिहास में कभी नहीं दिखाई पड़ा। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या योगी आदित्यनाथ सभी को अपने मठ में बुलाकर दुआ ताबीज के माध्यम से आमदनी बढ़ाना चाहते हैं या किसानों को बर्बाद करके सभी के हाथों में माला देना चाहते हैं।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के किसानों की अवहेलना करके कोई भी सरकार चैन की बंशी नहीं बजा सकती है। उन्होंने कहा कि नए वर्ष के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री योगी को सदबुद्धि मिलना चाहिए कि वे किसानों के प्रति दादागीरी का रवैया अपनाना बंद कर दें अन्यथा प्रदेश के किसान लखनऊ से गोरखपुर तक उनका घेराव करके रास्ता रोकने में पीछे नहीं हटेंगे।