नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। बालिकाओं को जीवनशैली, प्रजनन और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) 1700 किशोर चिकित्सालय खोलेगी।
आईएमए महासचिव के.के. अग्रवाल ने शनिवार को कहा कि मौजूदा समय में दो लाख बच्चों की डायरिया के कारण मौत हो जाती है, जबकि तीन लाख बच्चे निमोनिया के कारण मारे जाते हैं, जो कि चिकित्सा पेशे के लिए चुनौतीपूर्ण है।
भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी के वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने कहा, “डायरिया और निमोनिया के कारण किसी भी बच्चे की मौत नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि आईएमए देश में 1,700 किशोर चिकित्सालय खोलेगी।
डॉयरिया और निमोनिया के इलाज के लिए रोगनिरोधी और बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण किसी भी बच्चे की मौत नहीं होनी चाहिए। हर नवजात की मौत के लिए किसी को जवाबदेह ठहराना चाहिए।
आईएमए महासचिव ने कहा कि इस विषय पर आईएमए 2.5 लाख चिकित्सकों को जागरूक करेगी।