नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश निरस्त कर दिया, जिसमें काले हिरण के शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान को दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी गई है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.जे.मुखोपाध्याय ने उच्च न्यायालय को इस पर फिर से विचार करने के लिए कहा।
न्यायमूर्ति ने अपने फैसले में कहा कि फिल्म अभिनेता न्यायालय को बता सकते हैं कि यदि उन्हें दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो उन्हें अपूरणीय क्षति होगी और इसलिए उन्हें अपराध मुक्त कर दिया जाए।
वहीं, न्यायालय ने राजस्थान सरकार से भी कहा कि वह इस तरह की दलील दे सकती है कि यदि सलमान को दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले पर रोक नहीं लगती है तो उन्हें इससे कोई अपूरणीय क्षति नहीं होगी।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने सलमान खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें इस मामले में दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी थी। सलमान ने दलील दी थी कि इसके कारण उन्हें इंगलैंड जाने का वीजा नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनका काम प्रभावित हो रहा है।
उच्च न्यायालय सलमान की सजा पर भी पहले ही रोक लगा चुका है।
राजस्थान में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान काले हिरन के शिकार का आरोप सलमान खान, सोनाली बेंद्रे, तबु, नीलम और अन्य पर लगाया गया था।
निचली अदालत ने सलमान को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत 10 अप्रैल, 2006 को दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
सत्र अदालत ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सलमान की अपील को खारिज करते हुए 24 अगस्त, 2007 को उन्हें दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले और उनकी सजा को बरकरार रखा था।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने 31 अगस्त, 2007 को उनकी सजा को निलंबित कर दिया था और 12 नवंबर, 2013 को उन्हें दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले को भी निलंबित कर दिया था, क्योंकि इससे सलमान की विदेश यात्राओं में बाधा आ रही थी।
सलमान और अन्य के खिलाफ कृष्णमृग (काले हिरण) का शिकार करने के मामले में दो अक्टूबर, 1998 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मृग का शिकार 28 सितंबर, 1998 की आधी रात को राजस्थान के मथानिया गांव में किया गया था।
सलमान को 12 अक्टूबर, 1998 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 15 अक्टूबर को उन्हें जमानत दे दी गई थी, जिसके बाद 17 अक्टूबर को उन्हें रिहा कर दिया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।