नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। देश में 2जी घोटाला, कोयला घोटाला, सत्यम घोटाला और न जाने कितने बड़े घोटाले हो चुके हैं। सवाल उठता है कि क्या इन घोटालों पर रोक नहीं लग सकती और कि इन घोटालों की सही तरीके से जांच कैसे होगी, जांच के लिए पर्याप्त विशेषज्ञ भी हैं क्या?
इन सभी सवालों के जवाब के लिए अब बीएमएल मुंजाल युनिवर्सिटी ने देश में पहली बार फोरेंसिक अकाउंटिंग एमबीए पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। उम्मीद की जा सकती है कि इस पहल से कला धन और घोटालों पर रोक लग सकेगी।
हीरो समूह द्वारा स्थापित बीएमएल मुंजाल युनिवर्सिटी (बीएमयू) अकाउंटिंग एवं फाइनेंस में दो वर्ष की अवधि का एक पूर्णकालिक एमबीए प्रोग्राम शुरू करने जा रही है। इसका पाठ्यक्रम मुख्यत: फोरेंसिक अकाउंटिंग एवं कॉरपोरेट धोखाधड़ी पर केंद्रित रहेगा।
बीएमएल मुंजाल युनिवर्सिटी के अध्यक्ष अक्षय मुंजाल ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, “यह भारत में अपनी तरह का पहला पाठ्यक्रम होगा, जिसमें विद्यार्थियों को इस उच्च विशेषज्ञता के क्षेत्र में निपुण किया जाएगा। कॉरपोरेट जगत में धोखाधड़ी की जांच करने की बड़ी आवश्यकता है, जबकि इसके लिए प्रशिक्षित लोगों की भारी कमी है।”
मुंजाल ने कहा कि इम्पीरियल कॉलेज लंदन की देखरेख में बीएमएल मुंजाल युनिवर्सिटी के अनुभवी शिक्षक, चार बड़े सलाहकार संगठनों में से एक के सहयोग से, यह विशेष प्रोग्राम कराएंगे, जोकि कॉमर्स, सीए, आईसीडब्ल्यूए, सीएस और संबंधित विषयों के विद्यार्थियों को कॅरियर का एक नया विकल्प पेश करेगा। फिलहाल इस पाठ्यक्रा में 30 सीटें होंगी।
इस प्रोग्राम के तहत विद्यार्थी आर्थिक हेरफेर, काले धन को सफेद करने, इससे संबंधित नियम-कायदों, और धोखाधड़ी के मामलों को रोकने संबंधी प्रोजेक्ट्स पर प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करेंगे। प्रोजेक्ट पर अनुभव देने का कार्य चार बड़े एडवाइजरी संगठनों में से एक में दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस नए पाठ्यक्रम से ऐसे पेशेवर प्रबंधकों की जमात तैयार होगी, जो कॉरपोरेट धोखाधड़ी एवं धन के हेरफेर को हर स्तर पर रोकने में कामयाब होंगे। पाठ्यक्रम में वैज्ञानिक विधियों से शिक्षा दी जाएगी और इसमें व्यावहारिक ज्ञान पर जोर रहेगा। इसमें उन कुशलताओं पर जोर दिया जाएगा, जिनकी जरूरत कॉरपोरेट धोखाधड़ी की जांच-परख के समय सबसे अधिक होती है।
मुंजाल ने कहा, “प्रोग्राम में शामिल मूल विषय विद्यार्थियों को सैद्धांतिक और व्यापारिक ज्ञान देंगे, जबकि इसके संचार एवं प्रस्तुतीकरण, नेतृत्व, दृष्टिकोण आदि पाठ्यक्रम कार्यस्थल पर सफलता पाने में मददगार साबित होंगे। पाठ्यक्रम में किसी समस्या को समझने की कला सिखाई जाएगी। विद्यार्थियों को अपनी पसंद के कार्य में अधिक सीखने के लिए कुछ वैकल्पिक विषय भी दिए जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि प्रोग्राम के दूसरे वर्ष में विद्यार्थियों को छह कॅरियर विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करने को कहा जाएगा, जो इस प्रकार हैं -फोरेंसिक अकाउंटिंग, चार्टर्ड अकाउंटिंग, इंडिविजुअल फाइनेंशियल प्लानिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, फोरेक्स, ट्रेजरी तथा रिस्क मैनेजमेंट और मैनेजमेंट अकाउंटिंग।
इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के सवाल पर मुंजाल ने कहा कि एक सर्वे के अनुसार दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की कंपनियों में ही ऐसे 20 हजार विशेषज्ञों की दरकार है, इसलिए प्लेसमेंट की कोई दिक्कत नहीं है।