रियो डी जनेरियो, 21 नवंबर (आईएएनएस)। एक खिलाड़ी भले ही किसी भी स्थिति में हो, लेकिन खेल के प्रति उसका जुनून कभी कम नहीं होता।
फिर चाहें वो भारत की अरुणिमा सिन्हा हों या पिछले साल विमान दुर्घटना में जीवित बचे कापेकोइंस क्लब के खिलाड़ी जैक्सन फोलमान।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवम्बर में हुए इस हादसे में 71 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें कापेकोइंसी क्लब के खिलाड़ी और स्टाफ सदस्य भी शामिल थे।
इस हादसे में जीवित बचे छह लोगों में फोलमान भी शामिल थे। यह दुर्घटना 28 नवम्बर को हुई, जब बोलीविया से कोलंबिया जा रहा एक विमान मेडेलिन के पास पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस हादसे में 25 वर्षीय फोलमान ने अपने दाहिने पैर का निचला हिस्सा खो दिया। हालांकि, हार न मानते हुए फोलमान ने अब एक तैराक के रूप में पैरालम्पिक खेलों में हिस्सा लेने की इच्छा जाहिर की है।
ब्राजील के ‘स्पोर्ट टीवी’ को दिए बयान में फोलमान ने कहा, “मुझे अभी थोड़े और समय की जरूरत है। मैं तैरना चाहता हूं। यह एक शानदार खेल है, लेकिन इसका प्रभाव कम है। मैं दौड़ नहीं सकता। तैराकी अच्छा विकल्प है और मैं एक बार फिर प्रतिस्पर्धा के लिए उत्सुक हूं।”
मौत को इतने करीब से देख चुके फोलमान का कहना है कि वह अब भी कापेकोइंस क्लब के मैचों को देखते हैं और उनके प्रशिक्षण सत्रों में हिस्सा लेते हैं। इससे कहीं न कहीं वह खेल में अपनी वापसी की इच्छा को अपने अंदर जीवित रख पाते हैं।
उन्होंने कहा, “पैरालम्पिक खेलों के बारे में अभी बात करना काफी जल्दबाजी होगी। छह या सात माह पहले मेरी सर्जरी हुई है। मुझे अपने शरीर का ध्यान रखना है, जिसमें 13 फ्रेक्चर हुए हैं।”
फोलमान के अंदर का खिलाड़ी अब भी जीवित है, जो एक बार फिर खुद को खेल के मैदान में प्रतिस्पर्धा करते देखना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि भारत की पर्वतारोही अरुणिमा ने भी एक ट्रेन हादसे में अपना एक पैर गंवाने के बाद हार नहीं मानी थी और अपनी क्षमता को साबित किया था।