नई दिल्लीः मुंबई की फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया को 74वें कान्स फिल्मोत्सव में उनकी फिल्म ‘अ नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का ओइल डी’ओर (Oeil d’or – गोल्डन आई) पुरस्कार मिला है.
कपाड़िया ने 2015 में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के खिलाफ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी.
यह प्रदर्शन एफटीआईआई कैंपस में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था. इस दौरान छात्रों ने संस्थान की अगुवाई के लिए चौहान की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कक्षाओं का बहिष्कार किया था.
बता दें कि चौहान ने कई पौराणिक धारावाहिकों में काम किया है और नियुक्ति के समय वह भाजपा नेता थे.
इस मामले में पुणे पुलिस ने पायल कपाड़िया और 34 अन्य छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज भी की थी.
दरअसल एफटीआईआई के तत्कालीन निदेशक प्रशांत पथराबे ने अधूरे असाइनमेंट पर ही छात्रों को ग्रेडिंग देने का फैसला किया था, जिसके विरोध में कपाड़िया समेत इन छात्रों ने उनके ऑफिस में कथित तौर पर तोड़-फोड़ की थी और उन्हें बंधक बना लिया था.
पायल कपाड़िया की छात्रवृत्ति ग्रांट में भी कटौती कर दी गई थी.
हालांकि, 2017 में हिदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कपाड़िया की 13 मिनट की फिल्म ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’ को कान्स में स्क्रीनिंग के लिए चुने जाने पर एफटीआईआई ने उनकी यात्रा का खर्च उठाने में मदद की पेशकश की थी. तब तक चौहान की जगह भाजपा समर्थक अनुपम खेर को एफटीआईआई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
कपाड़िया की हालिया फिल्म ‘अ नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ भारत में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक छात्रा की कहानी है, जो अपने प्रेमी को पत्र लिखा करती है, जो उससे दूर है.
डायरेक्टर्स फोर्टनाइट की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखी पोस्ट के मुताबिक, ‘इन पत्रों के जरिये हमें उसके आसपास हो रहे बदलावों की झलक मिलती है. वास्तविकता के साथ फिक्शन, सपनों, यादों, कल्पनाओं और बेचैनियों को मिलाते हुए एक अनाकार कहानी सामने आती है.’