इन चारों माउस डियर को मिलाकर अब कानन में हिरणों की 13 प्रजातियां हो गई हैं।
कानन पेंडारी के रेंज ऑफिसर टी.आर. जायसवाल ने बताया कि इसी बुधवार को कानन में चार मूषक हिरण लाए गए, ये बहुत कम पाए जाते हैं। राज्य में ये गिनती के ही हैं। मूषक हिरण भारत में पाए जाने वाले संकटग्रस्त 10 प्रजातियों में यह एक है। फिलहाल इन्हें जू के अवलोकन कक्ष में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि ये मूषक हिरण हैदराबाद से लाए गए हैं। इनके बदले एक नर व दो मादा बार्किं ग डियर और एक नर घड़ियाल की मांग की गई थी। इसके बाद दोनों प्राधिकरण के बीच वन्य प्राणियों की अदला-बदली को लेकर एक समझौता हुआ था।
जायसवाल ने बताया कि माउस डियर को मिलाकर अब कानन में हिरणों की 13 प्रजातियां हो गई हैं, जिसमें चीतल, कोटरी, काला हिरण, सफेद हिरण, चिंकारा, गोराल, शूकर हिरण, नीलगाय, सांभर, बारहसिंघा, मणिपुरी और माउस डियर शामिल हैं।
मूषक हिरणों की अधिकतम ऊंचाई 23 इंच और वजन तीन किलो के लगभग रहता है। इनके पैर छोटे व पतले होते हैं। भारतीय मूषक हिरण का अंग्रेजी नाम शेवरटेंस एवं जुलाजिकल नाम माशिओला इंडिका है। ये प्राय: सुरंग बनाकर, पेड़ों की जड़ों पर या पत्थरों की ओट में छुपकर रहने वाले प्राणी हैं।