काठमांडू, 6 मार्च (आईएएनएस)। नेपाल के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को एक विमान फिसलने की वजह से बाधित हुई विमान सेवा अब शनिवार से शुरू हो सकती है। इस बीच तीन दिनों से विमान सेवा बाधित रहने की वजह से 220 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और करीब 50 हजार यात्री यहां फंसे हुए हैं।
त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को तुर्की एयरलाइंस का एक विमान हवाईपट्टी पर फिसल गया था। गुरुवार को नेपाल के अनुरोध पर भारत ने गुरुवार को वायुसेना के सी-130जे सुपर हरक्यूलस विमान के साथ एक एक्सीडेंट रिकवरी किट भेजा था। भारतीय टीम की मदद नेपाली टीम कर रही है।
त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा के प्रमुख बीरेंद्र श्रेष्ठ ने कहा कि भारतीय दल ने तुर्की एयरलाइंस के विमान का अगला हिस्सा ब्लाडर या बैलून की सहायता से खींच लिया है। उन्होंने कहा कि विमान के सभी तीन पहियों को शुक्रवार शाम तक बदल दिया जाएगा।
श्रेष्ठ ने कहा कि शुक्रवार शाम तक रनवे को खाली करा लिया जाएगा। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें यहां से शुरू की जा सकेगी।
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के निदेशक रतीश चंद्र लाल सुमन ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विमान सेवा शनिवार सुबह 10 बजे से पहले शुरू नहीं की जा सकेगी।
दुर्घटना के कारण काठमांडू हवाईअड्डे के प्रयोग में लाए जा रहे रनवे की लम्बाई सीमित होकर केवल 5,000 मीटर रह गई है जिससे किसी भी वाणिज्यिक विमान के लिए वहां उतरना लगभग नामुमकिन है।
नेपाल में एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा के तीन दिनों से बंद होने की वजह से विभिन्न गंतव्यों को जाने वाले करीब 50 हजार यात्री यहां फंसे हुए हैं।
त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के मुताबिक 27 विमानन सेवाएं यहां से प्रतिदिन करीब 80 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें चीन, बांग्लादेश, भूटान और हांगकांग के लिए संचालित करती हैं। तीन दिनों से सेवा बाधित होने की वजह से शुक्रवार दोपहर तक करीब 220 उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं।
इस संकट के बीच कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने की वजह से सरकार की आलोचना हो रही है।