भोपाल : मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रविवार को आरोपपत्र जारी कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में एक लाख 46 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला होने का आरोप लगाया है और कहा है कि घपलों-घोटालों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाते-रिश्तेदार मालामाल हो गए हैं.
कांग्रेस आरोपपत्र समिति के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज और उनके मंत्रियों ने माफियाओं से सांठगांठ कर प्रदेश को लूटा है. राज्य में खनन, बिजली खरीदी और व्यापमं में बड़े घोटाले हुए हैं. ये घोटाले मुख्यमंत्री की अगुआई में हुए हैं.
सिंह ने व्यापमं में हुए पीएमटी घोटाले को राज्य का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि इस घोटाले के तार सीधे तौर पर मुख्यमंत्री आवास से जुड़े हैं. इस घोटाले में पकड़े गए निलंबित परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी के कॉल डिटेल निकाले जाएं तो सारी तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी. ‘मुन्नाभाइयों’ की भर्ती में मुख्यमंत्री की पत्नी का भी संरक्षण रहा है.
कांग्रेस द्वारा जारी किए गए आरेापपत्र में भाजपा के नेताओं द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ दिए गए बयानों की अखबार-कतरनों का भी जिक्र है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बयान से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पत्र का भी उल्लेख है.
आरोपपत्र में राज्य पर बढ़े कर्ज का हवाला देते हुए बताया गया है कि राज्य पर 92 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. शिवराज ने ‘स्वर्णिम मध्य प्रदेश’ के नाम पर जनता के साथ धोखा किया है. प्रदेश तो स्वर्णिम नहीं हुआ, इसे स्वर्णिम बनाने का दावा करने वाले जरूर स्वर्णिम हो गए हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में हुए घपलों-घोटालों में मुख्यमंत्री का संरक्षण है, यही कारण है कि उनके नाते-रिश्तेदार माला-माल हो गए हैं. कहा गया है कि मुख्यमंत्री के साले ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए ठेकेदारी का पंजीयन कराया और कई ठेके लिए. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री के एक भाई ने आदिवासियों की जमीन बहुत कम दाम में खरीदी है.
सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य के चौदह मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायतें दर्ज हैं, मगर मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ जांच की अनुमति लोकायुक्त को नहीं दी. इससे स्पष्ट है कि दाल में काला है, मुख्यमंत्री के संरक्षण में ही राज्य में घोटाले हुए हैं.
आरोपपत्र जारी किए जाने के मौके पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश, महासचिव दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्री हरीश रावत, प्रदीप जैन और प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया भी मौजूद थे.