(खुसर-फुसर)-कांग्रेस ने मप्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रभावी आंदोलन छेड़ा है,उसके इस आंदोलन से जनता भी प्रभावित है और मुख्यमंत्री भी लेकिन यह आंदोलन शंका के घेरे भी कांग्रेस के आस-पास फैला रहा है.ख़बरनवीसों को पता था की विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस अपने पास के सबूतों से शिवराज सिंह को चित्त कर देगी और यदि शिवराज का विकेट गिरता तब चुनाव का रिजल्ट कुछ और होता लेकिन कांग्रेस मैदान से बाहर निकल गयी,ख़बरनवीसों ने जब इसकी पड़ताल की तो मैच फिक्सिंग सामने आई जिसमें दलाली कांग्रेस के एक दिग्गज ने खाई जो अभी शादी की तैयारियों में व्यस्त हैं.
जब चुनाव निकल गया तब इस आंदोलन का क्या फायदा?क्या यह भी फिक्स है,भाजपा के कुछ नेता इसके लिये फाइनेन्सर का काम कर रहे हैं और जुलाई को इन्होने शिवराज का विकेट गिराने का लक्ष्य रखा है.