श्रीनगर, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर में चार नागरिकों की मौत का विरोध कर रही भीड़ पर काबू पाने के लिए शुक्रवार को सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में एक नागरिक की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।
सुरक्षा बलों की कथित कार्रवाई में चार लोगों की मौत के बाद मंगलवार से ही घाटी में जबरदस्त तनाव बना हुआ है। यहां कर्फ्यू लगा हुआ है।
पुलिस के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि प्रदर्शनकारी सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले के नतनुसा गांव के पास एक सैन्य शिविर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर आने से रोकने के लिए गोलीबारी शुरू कर दी।
अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों में से पांच लोगों को गोली लगी थी, जिनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को इलाज के लिए श्रीनगर ले जाया गया है।
पुलिस ने मारे गए नागरिक की पहचान मोहम्मद आरिफ के रूप में की है जो उत्तरी कश्मीर का निवासी है। उत्तरी कश्मीर तनाव का केंद्र बना हुआ है।
घाटी के दूसरे हिस्सों से भी सड़कों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की गश्त के बावजूद प्रदर्शन की खबरें मिली हैं।
अफवाह को रोकने के लिए घाटी में लगातार दूसरे दिन मोबाइल फोन सेवाएं और इंटरनेट सेवा बंद रही।
श्रीनगर के जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि पुराने श्रीनगर शहर के कई हिस्सों में प्रतिबंध लगाया गया है तथा मुख्य व्यापार केंद्र लाल चौक पर कर्फ्यू लगाया गया है।
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा और कुपवाड़ा तथा हंदवाड़ा शहर में प्रतिबंध लगाया गया है।
अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारूक और यासीन मलिक को घर में नजरबंद कर दिया गया है।
अलगाववादी नेताओं के बंद के आह्वान का व्यापक असर देखा गया। घाटी में दुकानें, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय आदि उन इलाकों में भी पूरी तरह बंद रहे जहां प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी बंद रहीं।
80 के दशक से अलगाववाद से जूझ रही घाटी में ताजा हिंसा ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में बनी भारतीय जनता पार्टी और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की गठबंधन सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती पेश की है।
यह संकट तब भड़का जब हंदवाड़ा में मंगलवार को एक फौजी पर एक कॉलेज छात्रा को छेड़ने का आरोप लगा। सेना ने इसे खारिज किया है। अगले दिन एक वीडियो भी सामने आया जिसमें लड़की छेड़छाड़ की घटना से इनकार करती दिखी।