श्रीनगर, 13 जुलाई (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद व्याप्त तनाव के बीच पांचवें दिन बुधवार को शांति रही, हालांकि अधिकतर इलाकों में अभी भी कर्फ्यू जारी है। सुरक्षा बलों और नाराज लोगों के बीच झड़प में घायल हुए दो लोगों की बुधवार को मौत हो गई, जिन्हें मिलाकर मृतकों की सख्या 36 हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान गोली लगने से घायल दो नागरिकों ने बुधवार को दम तोड़ दिया।
घाटी में मंगलवार को अपेक्षाकृत शांति रही, लेकिन 13 जुलाई, 1931 को पुलिस की गोलीबारी में डोगरा साम्राज्य का विरोध कर रहे प्रदर्शन करने वाले कश्मीरियों की याद में मनाए जा रहे ‘शहीद दिवस’ को देखते हुए अधिकतर जगह कर्फ्यू लागू किया गया है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ श्रीनगर की पुरानी बस्ती में स्थित शहीदों के समाधि स्थल गईं। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और घाटी में शांति के लिए फिर से अपील की।
उन्होंने कहा, “मैं सभी से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करती हूं ताकि अब किसी और को अपनी जान न गंवानी पड़े।”
उन्होंने कहा कि आठ जुलाई को वानी की मौत के बाद शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों में “लोगों की मौत का उन्हें अफसोस है, लेकिन कोई भी तरकीब अब उन्हें वापस नहीं ला सकती।”
महबूबा ने आगे कहा, “मैं इससे बेहद दुखी हूं, लेकिन मेरा दुख मृतकों के परिवार वालों के आगे कुछ भी नहीं है।”
कुपवाड़ा जिले के क्रालपोरा में मंगलवार को भीड़ ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। भीड़ ने पुलिस के एक वाहन को आग भी लगा दी, जिसमें कई पुलिसकर्मी फंस गए।
इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शांतिपूर्ण हालात बनाने व हिंसा खत्म करने की अपील की।
हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर 22 वर्षीय वानी और उसके दो सहयोगियों की सुरक्षा बलों के हाथों मौत के बाद कश्मीर में हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं।
वानी की मौत के खिलाफ कश्मीर घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठा, जिसमें 1,500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
दक्षिणी कश्मीर में हालात ज्यादा खराब हैं, जहां से सर्वाधिक मौतों की खबर है। कश्मीर घाटी में बीते पांच दिनों से चल रहे हिंसक प्रदर्शनों में मृत 36 लोगों में अकेले दक्षिणी कश्मीर में 33 लोग मारे गए।
दो अन्य मृतक श्रीनगर और कुपवाड़ा जिलों से थे, जबकि एक पुलिस कांस्टेबल की भी मौत हुई है। दक्षिणी कश्मीर में भीड़ द्वारा झेलम नदी में धकेल देने के कारण पुलिस कांस्टेबल की मौत हुई।