श्रीनगर, 5 मार्च – जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने के एक दिन बाद गुरुवार को कश्मीर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया। जम्मू एवं कश्मीर के निवासी सात महीनों के बाद मोबाइल और ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर सोशल मीडिया वेबसाइटों तक पहुंच बनाने में सक्षम हुए हैं।
इससे पहले बुधवार को केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने 2जी इंटरनेट सेवा को 17 मार्च तक बढ़ा दिया था। विभाग ने इस बात का भी खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर में अभी भी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का दुरुपयोग जारी है।
इस साफ्टवेयर के जरिए राष्ट्र विरोधी तत्व जहां अफवाहों को फैलाकर कश्मीर में सामान्य होते हालात को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं आतंकी सीमा पार बैठे अपने आकाओं से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। ऐसे में इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह बहाल करने का अभी यह सही समय नहीं है।
हालांकि बुधवार के आदेश में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश में हाई स्पीड इंटरनेट पर प्रतिबंध को 17 मार्च तक बढ़ा दिया है।
आदेश में कहा गया कि यह कदम भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया जा रहा है।
आदेश में कहा गया, “मोबाइल डेटा सेवाओं के संबंध में इंटरनेट की गति केवल 2जी तक ही सीमित रहेगी। जबकि पोस्टपेड सिम कार्ड धारकों को इंटरनेट तक पहुंच प्रदान की जाती रहेगी, ये सेवाएं तब तक प्रीपेड सिम कार्डो पर उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी, जब तक कि इन्हें पोस्टपेड कनेक्शन के लिए लागू मानदंडों के अनुसार सत्यापित नहीं किया जाता है।”
इसके अलावा कहा गया है कि इंटरनेट कनेक्टिविटी मैक-बाइंडिंग के साथ उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके अलावा निर्देशित किया गया है कि सरकार पर्यटकों, छात्रों और व्यापारियों के लिए विशेष व्यवस्थाओं के अलावा ई-टर्मिनलों/इंटरनेट कियोस्क तक पहुंच/संचार सुविधाएं जारी रखेगी।
इस सुविधा का तत्काल प्रभाव से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कश्मीर व जम्मू के आईजीपी को जिम्मेदारी दी गई है।
पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के साथ एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। इसे जम्मू-कश्मीर में चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जा रहा है।