श्रीनगर , 22 फरवरी (आईएएनएस)। पंपोर स्थित जम्मू-कश्मीर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (जेकेईडीआई) को प्रशासन ने शनिवार को हुए आतंकी हमले से कई माह पहले पुलिस या अर्धसैनिक बल की सुरक्षा मुहैया कराने की पेशकश की थी। संस्थान प्रबंधन ने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग से सटा यह संस्थान बेतरतीबी से फैला हुआ है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
श्रीनगर , 22 फरवरी (आईएएनएस)। पंपोर स्थित जम्मू-कश्मीर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (जेकेईडीआई) को प्रशासन ने शनिवार को हुए आतंकी हमले से कई माह पहले पुलिस या अर्धसैनिक बल की सुरक्षा मुहैया कराने की पेशकश की थी। संस्थान प्रबंधन ने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग से सटा यह संस्थान बेतरतीबी से फैला हुआ है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि संस्थान के प्रशासन ने सुरक्षा बलों की मौजूदगी को इस परिसर में प्रशिक्षण लेने आने वाले उन युवक-युवतियों के लिए बाधक माना था जिन्हें विशेष तौर पर कश्मीर घाटी में उद्यमी बनने के लिए पैसा दिया जाता है।
3.5 एकड़ में फैले इस संस्थान परिसर में तीन बड़ी इमारतें हैं। यह केसर उत्पादक शहर पंपोर के पास है। यह संस्थान यहां से 12 किलोमीटर की दूरी पर रणनीतिक रूप से संवेदनशील श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर है। यह आतंकवाद से तबाह प्रदेश की शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन राजधानी को जोड़ने वाला एकमात्र सड़क मार्ग है।
इसी मार्ग से दक्षिण कश्मीर के स्थानीय लोगों को सामान की आपूर्ति होती है। श्रीनगर स्थित भारतीय सेना की 15वीं कोर के मुख्यालय पहुंचने के लिए सैनिकों का यह एकमात्र मार्ग है। दिन-रात सेना के वाहन इस मार्ग पर चलते रहते हैं। यह एक तरह से जीवन रेखा है।
जेकेईडीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इस इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस पहले इसकी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था करना चाहती थी।
लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी गोलीबारी के संदर्भ में अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “हमलोग इसकी अपेक्षा नहीं कर रहे थे.. इसकी आशंका नहीं थी।” अब तक इस गोलीबारी में छह लोगों की जान गई है। तीन सैनिक शहीद हुए हैं, अर्धसैनिक बल के दो जवानों और एक नागरिक की भी मौत हुई है। अभी गोलीबारी जारी है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार जेकेईडीआई में सुरक्षा बलों की मौजूदगी चाहती है क्योंकि इस परिसर की बायीं ओर रेडियो कश्मीर के मीडियम और शार्टवेब ट्रांसमीटर लगे हैं।
अधिकारी ने कहा, “मेरी समझ से संस्थान प्रबंधन की ओर से सुरक्षा लेने से इनकार करना दूरदर्शी फैसला नहीं था। ”
सरकारी पैसे से स्वायत्त रूप संचालित यह संस्थान नौकरी की कमी से जूझ रहे इस राज्य में उद्यमी बनने के लिए युवक-युवतियों को प्रशिक्षण और कर्ज उपलब्ध कराता है। अब तक यहां से उद्यमी बनने के अभिलाषी 13 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। करीब पांच हजार युवक-युवतियों को उद्योग लगाने के लिए करीब 220 करोड़ रुपये कर्ज दे चुका है। आशंका यह है कि उसका डाटा इस गोलीबारी की भेंट न चढ़ जाए।