श्रीनगर, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाईज उमर फारुक ने रविवार को देश के विपक्षी नेताओं से मिलने से इंकार कर दिया। यहां तक कि गिलानी के समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाते हुए उन्हें लौटा दिया।
सूत्रों ने बताया कि जनता दल युनाईटेड (जद-यू) नेता शरद यादव, कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी और डी. राजा गिलानी से मुलाकात के लिए गए थे, लेकिन कट्टरपंथी हुर्रियत नेता ने उन्हें अंदर भी नहीं आने दिया।
हैदरपुरा में गिलानी के घर के बाहर उनके समर्थक इकठ्ठे हो गए और जैसे ही सांसदों की कारें और सुरक्षा वाहन गुजरने लगे, उन्होंने ‘भारत जाओ, वापस जाओ’ और ‘हमें आजादी चाहिए’ जैसे नारे लगाए।
हैदरपुरा में अपने नाकाम प्रयास के बाद तीनों नेता सम्मेलन केंद्र शेर-ए-कश्मीर में वापस लौट आए, जहां पहले वे मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ सभी पार्टियों की एक बैठक में शामिल हुए थे।
शरद यादव, येचुरी और राजा पहले श्रीनगर हवाईअड्डे के पास हमामा में एक जेल में तब्दील किए गए पुलिस शिविर में जम्मू एवं कश्मीर मुक्ति मोर्चा (जेकेएलएफ) प्रमुख मोहम्मद यासिन मलिक से मिलने गए थे।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मलिक ने सांसदों से केवल 10 मिनट के लिए मुलाकात की, वह भी यह कहने के लिए कि उनके साथ बातचीत का कोई अर्थ नहीं है।
इससे अलग, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाईज से मुलाकात के लिए चश्मा शाही गए थे, जहां एक टूरिस्ट रिजॉर्ट को उपकारागर में तब्दील किया गया है।
उपकारागार में अलगाववादी नेता शबीर शाह को भी लाया गया था।
मीरवाईज ने ओवैसी से कहा कि हुर्रियत ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ आए सांसदों से मुलाकात न करने का पहले ही फैसला कर लिया था।
निराश ओवैसी ने उसके बाद लगभग दस मिनट के लिए शबीर शाह से मुलाकात की, लेकिन शाह ने भी साफ कर दिया कि वह सांसदों या सरकार के साथ बात नहीं करना चाहते।
शाह ने कहा, “मैने उन्हें बताया कि कश्मीरियों से बात करने का यह सही तरीका नहीं है। आप मुझे पुलिस स्टेशन से एक उपकारागर में लाए हैं और मुझसे बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं।”
शाह ने कहा, “मैंने उन्हें साफ तौर पर बता दिया कि उन्हें पहले (कश्मीर घाटी में) स्थिति का पता लगाना चाहिए और उसके बाद सही तरीके से बातचीत करनी चाहिए।”