अनिल सिंह-(भोपाल)– कल से मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र आरम्भ हो रहा है.सत्ता पक्ष जहाँ विधेयक ले कर आ रहा है वहीँ विपक्ष यानि कांग्रेस एक कमजोर नेतृत्व की अगुवाई में सिर्फ खाना-पूर्ति के लिए उतर रहा है.
नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे मुद्दे जरूर उठाते रहे लेकिन मुद्दों का टांय-टांय फिस्स होना सत्यदेव कटारे को शंका के घेरे में लाता है.दरअसल अब कांग्रेस में कोई किसी के नेतृत्व में नहीं है.केन्द्रीय नेतृत्व की कोई सोच नहीं है इसलिए सभी नेता अपनी मर्जी से कार्य कर रहे हैं.
मोदी की लहर के बावजूद कांग्रेसी सीटों की यह उपस्थिति दर्शाती है की कांग्रेस का परंपरागत वोट जीवित है सिर्फ वे वोट जो कांग्रेस के पक्ष में थे और कांग्रेस की राष्ट्र विरोधी नीतियों की वजह से भाजपा के वोट बैंक में जुड़ गए,कांग्रेस के पास कोई नेतृत्व न होने से वह बेचारगी की स्थिति में आ गयी है.कल विधान सभा में लक्ष्य रहित,नेतृत्व विहीन कांग्रेस जनता के हितों को बचाने के लिए उतर रही है
सत्ता पक्ष अपने कार्यक्रमों सम्बन्धी नियमों को बनाने के लिए सदन में आ रहा है वहीँ विपक्ष सिर्फ खाना-पूर्ति के लिए उतर रहा है.देखना यह है की इस कम समय के लिए आयोजित इस विधानसभा से जनहित के लिए क्या निकल कर आता है.