रायपुर, 5 जनवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को महानदी भवन में आयोजित कलेक्टर्स कांफ्रेंस में प्रदेश भर के कलेक्टरों को संबोधित करते हुए पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन पर जोर दिया। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे हर सोमवार दफ्तर में बैठकर जनता और जनप्रतिनिधियों से मिलें। सीएम ने कलेक्टरों को विनम्र बनने की सलाह भी दी।
उन्होंने कहा, “जन समस्याओं के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।”
अगले तीन वर्ष की कार्ययोजना का आधार होगा यह वर्ष। राज्य में बिजली, दूरसंचार, सड़क, रेल कॉरिडोर आदि इंफ्रास्ट्रक्च र पर 50 हजार करोड़ खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने सूखा राहत कार्यों की समीक्षा भी की।
सिंह ने निर्देश दिया कि सभी प्रभारी सचिव प्रदेश के सूखा प्रभावित इलाकों का दौरा करें और आने वाली गर्मी में जल संकट से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाएं, खासकर डोंगरगढ़ और डोंगरगांव में।
उन्होंने कहा कि जो जनता की प्राथमिकता है, वही सरकार की प्राथमिकता है। कलेक्टर जिलों में नए प्रयोग जरूर करें, लेकिन अपने बुनियादी कार्यो को न भूलें।
उन्होंने कहा कि सरकार की नई पारी के दो साल पूरे हो गए हैं। इसलिए आने वाले दो साल बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिसकी बुनियाद इसी साल रखी जाएगी। जनता ने जिस विश्वास और उम्मीद के साथ हमें चुना है, उसे पूरा करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “किसानों को सूखे के कारण जो तकलीफ हुई है उससे राहत दिलाने के लिए इस साल हम सबको बहुत मेहनत करनी है। सरकार ने बहुत से अच्छे निर्णय लिए हैं जिनका क्रियान्वयन करना है।”
मुख्यमंत्री ने गरियाबंद के 200 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम नहीं शुरू होने पर नाराजगी जाहिर की। अन्य जिलों में भी विकास कार्यों की धीमी गति पर कड़ा रुख दिखाते हुए काम तेज करने के निर्देश दिए।