नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार में संभावित किसी भी संकट को रोकने के लिए कांग्रेस अपने दो वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और के.सी. वेणुगोपाल को स्थिति संभालने के लिए बेंगलुरू भेजा है।
सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि आजाद और वेणुगोपाल मंगलवार शाम तक बेंगलुरू पहुंच रहे हैं और वे गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं जैसे जद (एस) के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर, डी.के. शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ चर्चा कर सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि विधायकों के पार्टी छोड़ने से रोकने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार भी किया जा सकता है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब खबर आई है कि भाजपा जनता दल (सेकुलर) और कांग्रेस के नाराज विधायकों को आकर्षिक करने का प्रयास कर रही है।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। हालांकि वह बहुमत से नौ सीटें पीछे रह गई थी, और वह सरकार नहीं बना सकी थी।
दूसरी तरफ जद (एस) और कांग्रेस ने गठबंधन बनाकर 116 सीटों के साथ सरकार बना ली।
जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन को अभी संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारी झटका लगा है। यह गठबंधन राज्य की 28 सीटों में से मात्र दो सीटें जीत पाया।
इसके बाद कर्नाटक कांग्रेस के दो बागी विधायकों ने रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एस.एम. कृष्णा से मुलाकात की थी, जो पहले कांग्रेस में थे और विदेश मंत्री रहे।
भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने बेंगलुरू में आईएएनएस को बताया, “कांग्रेस के दो विधायकों -रमेश जरकीहोली और के. सुधाकर ने कृष्णा से निजी कारणों से शहर में मुलाकात की, क्योंकि दोनों उनके परिचित हैं और कृष्णा 2018 के प्रारंभ में हमारी पार्टी में शामिल होने से पहले कांग्रेस में थे।”