वैटिकन सिटी, 4 सितंबर (आईएएनएस)। पोप फ्रांसिस ने वैटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में रविवार को मानव-सेवा, दया और करुणा की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा को संत घोषित किया।
वैटिकन सिटी, 4 सितंबर (आईएएनएस)। पोप फ्रांसिस ने वैटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में रविवार को मानव-सेवा, दया और करुणा की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा को संत घोषित किया।
पोप ने हजारों लोगों से कहा, “हम कलकत्ता की धन्य टेरेसा को संत घोषित करते हैं।”
समारोह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित हजारों भारतीय भी मौजूद थे। वे भारत का तिरंगा ध्वज लहरा रहे थे।
मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किए जाने के लिए आयोजित समारोह में शामिल होने को हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ रविवार को वैटिकन पहुंची।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कई श्रद्धालु समारोह में शामिल होने के लिए तड़के से पहले ही वैटिकन पहुंच गए थे।
पादरी एंजेलो अमातो ने नोबल शांति पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के कार्यो का संक्षिप्त विवरण पढ़कर सुनाया और उसके बाद पोप से उन्हें संत घोषित करने को कहा।
समारोह में कई राज्यों के प्रमुखों के साथ ही मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सैकड़ों ननों ने भी हिस्सा लिया।
उत्सव में पूरे इटली से कुछ 1,500 बेघर लोगों को बस द्वारा रोम लाया गया और उसके बाद ‘सिस्टर्स ऑफ चैरिटी’ की 250 ननों और पादरियों द्वारा पिज्जा भोज परोसा गया।
मदर टेरेसा को कलकत्ता (कोलकाता) में किए गए अपने सेवा कार्यो के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई थी। 1997 में 87 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।
2003 में उन्हें धन्य घोषित किया गया था, जो कि संत घोषित किए जाने की प्रक्रिया का पहला चरण है।
मदर के निधन के बाद उनसे प्रार्थना करने के बाद दो रोगियों के स्वस्थ हो जाने के चमत्कार को मान्यता दे दी गई थी, जिसके बाद उन्हें संत घोषित किया गया है।