इस्लामाबाद, 7 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को जून 2014 में कराची के जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हुए हमले में शामिल रहे तीन संदिग्धों पर आरोप तय किए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली थी।
‘डॉन ऑनलाइन’ की रपट के मुताबिक, तीनों संदिग्धों -सरमद सिद्दीकी, आसिफ जहीर और नदीम- को कराची में एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) में पेश किया गया। अदालत में तीनों संदिग्धों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तिथि मुकर्रर की है। अगली सुनवाई के दिन अदालत ने सभी गवाहों को तलब किया है।
कराची हवाईअड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादियों को साजो-सामान, धन और हथियार मुहैया कराने के मामले में एटीसी ने 2014 में तीनों संदिग्धों को कथित तौर रिमांड पर लिया था।
पांच घंटे तक चले इस हमले में 28 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 10 आतंकवादी भी शामिल थे।
बंदूकधारियों ने पुलिस की वर्दी में हवाईअड्डे के टर्मिनल पर मशीनगनों और रॉकेट लांचरों के साथ धावा बोल दिया था।
इस हमले के बाद से देश में बढ़ते आतंकवाद को काबू में करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने उत्तरी वजीरिस्तान में जर्ब-ए-अज्ब अभियान शुरू किया।
2014 में उत्तर वजीरिस्तान में पाकिस्तानी वायुसेना और पाकिस्तानी सेना ने संयुक्त रूप से लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किए। इन्ही हमलों में कराची हवाईअड्डे पर हमले का मास्टरमाइंड अबू अब्दुल रहमान अल मानी मारा गया था।
खुफिया और सैन्य सूत्रों ने कहा है कि अल मानी इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान का मुख्य कमांडर था। यह इस्लामिक मूवमेंट ऑफ तुर्किस्तान के नाम से भी प्रसिद्ध है।