टोरंटो, 27 फरवरी (आईएएनएस)। कनाडा की एक अदालत ने ऑनर किलिंग के एक मामले में मुकदमे का सामने करने के लिए एक व्यक्ति व उसकी बहन को भारत प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने इस आधार पर उन्हें भारत को प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया कि उन्हें भारत में न्याय मिलने में संदेह है। व्यक्ति पर अपनी भांजी की हत्या कराने का आरोप है।
सुरजीत बदेशा तथा उनकी बहन मल्कित सिद्धू ने मिलकर मल्कित की बेटी जस्सी (जसविंदर) सिद्धू की हत्या कराने के लिए भाड़े के हत्यारों का इस्तेमाल किया। जस्सी ने पंजाब में एक ऑटो चालक से शादी कर ली थी, जो नीची जाति का था।
कनाडा में जन्मी जसविंदर सिद्धू की मुलाकात ऑटो ड्राइवर सुखविंदर सिंह (मिठु) से पंजाब के जागरांव में साल 1996 में हुई थी। इसके बाद दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। साल 1999 में कनाडा से वापस आने के बाद जसविंदर ने गुपचुप तरीके से सुखविंदर से शादी भी कर ली।
जसविंदर की हत्या जून 2000 में सुखविंदर के गांव के निकट हुई थी।
पंजाब पुलिस ने अपनी जांच में इसे ऑनर किलिंग करार दिया, जिसे जसविंदर की मां मल्कित सिद्दू व उसके मामा सुरजीत बदेशा ने कनाडा में बैठकर अंजाम दिया।
सुरजीत बदेशा द्वारा भाड़े के हत्यारों के पास किए 266 फोन कॉल के सबूत के आधार पर भारत ने साल 2005 में मल्कित व सुरजीत को मुकदमे का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया।
मई 2014 में वैंकुवर के ब्रिटिश कोलंबिया सर्वोच्च न्यायालय ने जसविंदर के मामा व मां को मुकदमे का सामना करने के लिए भारत भेजने का आदेश दिया था।
लेकिन शुक्रवार को ब्रिटिश कोलंबिया की अपीलीय अदालत ने भारत में ‘बंदियों के साथ अच्छा व्यवहार न होने’ का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के आदेश को पलट दिया।
न्यायाधीश इयान डोनाल्ड ने अपने फैसले में कहा, “मेरे विचार से यह बात विचारनीय है कि यदि याचिकाकर्ता समर्पण करता है, तो उनके साथ हिंसा व उत्पीड़न जैसी घटनाएं हो सकती हैं।”