मुंबई, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। कच्चे तेल का दाम बढ़ने से रुपये में और कमजोरी आने की संभावना बढ़ गई है। ब्रेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड गुरुवार को 75 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया, जोकि करीब छह महीने का ऊंचा स्तर है।
कच्चे तेल में यह तेजी अमेरिका ईरान पर प्रतिबंध के बाद कुछ प्रमुख तेल खरीददार देशों को ईरान से तेल की खरीद जारी रखने में दी गई छूट समाप्त करने की घोषणा के बाद आई है।
एंजेल ब्रोकिंग के रिसर्च एसोसिएट वकार जावेद खान ने कहा, “अबर तेल का भाव मौजूदा स्तर पर बना रहता है जो रुपये में कमजोरी और बढ़ सकती है और यह डॉलर के मुकाबले 71 रुपये प्रति डॉलर तक जा सकता है। इससे चालू खाता घाटा पर दबाव बढ़ेगा जोकि रुपये में मजबूती आने से कम हुआ था।”
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती बनी रही, इसलिए ऐसा नहीं लगता है कि देसी मुद्रा को कोई बड़ा आघात लगेगा।
केयर रेटिंग की हालिया रिपोर्ट में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से रुपये पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में कहा गया है कि भारतीय मुद्रा पर पहला असर पड़ेगा और इससे व्यापार घाटा और चालू खाता घाटा बढ़ेगा, क्योंकि भारत अपनी तेल की जरूरतों का 80 फीसदी आयात करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, “आयात बिल में तीव्र वृद्धि से रुपये पर दबाव होगा।”
रिपोर्ट में कहा गया कि कच्चे तेल का भाव 70-75 डॉलर प्रति बैरल या उससे ऊंचा रहने पर रुपये में सालाना आधार पर 3-4 फीसदी गिरावट आएगी क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर में मजबूती देखी जा रही है।