अगरतला, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। राज्य में उपलब्ध कच्चे माल पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए त्रिपुरा सरकार पूंजी निवेश में मिलने वाले अनुदान को 30 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने के साथ-साथ अन्य रियायतें भी दे रही है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने यहां मंगलवार की रात संवाददाताओं से कहा, “हम लोग सभी युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए मध्यम, लघु और सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को बढ़वा देने के लिए उद्यमियों को दी जाने वाली वर्तमान रियायतों का दायरा बढ़ा दिया गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूंजी निवेश पर मिलने वाला अनुदान अब 30 फीसदी से बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया जाएगा और इस मद में अधिकतम सहायता राशि 60 लाख रुपये होगी। लेकिन, ऐसी प्रस्तावित औद्योगिक इकाइयां स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों जैसे गैस, बांस, रबर कृषि और बागबानी उत्पादों पर जरूर आधारित होनी चाहिए।
माणिक सरकार ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में औद्योगिक इकाइयों के योगदान की पांच साल तक प्रतिपूर्ति करेगी।
पुरुषों के लिए 30 और महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत अनुदान दर को जारी रखते हुए राज्य सरकार स्वावलंबन स्व-रोजगार योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी 65 हजार से बढ़कर 75 हजार रुपये करेगी।
2001 से अब तक इस योजना के तहत 12,677 लाभार्थियों को 206 करोड़ रुपये मिले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा राज्य समर्थित परियोजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों के शुरुआती ऋण पर ब्याज दर चार फीसदी से घटा कर 3.5 फीसदी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से 85 हजार परिवार जुड़े हैं जिन्हें एक-एक लाख रुपये का शुरुआती ऋण दिया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक त्रिपुरा में अभी सात लाख शिक्षित युवक बेरोजगार हैं।