नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)| प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) के शुरू होने पर इसके आयोजन समय को लेकर काफी लोगों ने सवाल उठाए थे लेकिन राष्ट्रीय टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने उन सभी सवालों को दरकिनार करते हुए कहा कि पीबीएल ने खिलाड़ियों को ओलम्पिक के लिए तैयारी करने का मौका दिया है।
गोपीचंद ने आईएएनएस दो दिए साक्षात्कार में कहा, “आप किस तरह से चीजों को देखते हैं उस पर काफी कुछ निर्भर करता है। ओलम्पिक में सात महीने का समय बाकी है। हमारे पास समय है और खिलाड़ियों ने पीबीएल को ओलम्पिक की तैयारी करने का माध्यम बनाया।”
दो जनवरी से 17 जनवरी तक चले पीबीएल के समय पर काफी लोगों ने यह कहते हुए सवाल उठाए थे कि इसमें खेलने से खिलाड़ियों को चोट लग सकती है जो उन्हें ओलम्पिक खेलने से रोक भी सकती है।
पीबीएल के गर्वनिंग काउंसिल के सदस्य गोपीचंद ने कहा, “पीबीएल का अनुभव काफी शानदार रहा। इसे कराने के लिए हमारे पास ज्यादा अवसर नहीं थे। जो अवसर हमारे पास थे उनमें से सबसे बेहतर को चुना गया।”
उन्होंने कहा, “हमारे सामने कई दिक्कतें आई थीं, बावजूद इसके हमने इसे काफी अच्छे तरीके से आयोजित किया और जिस तरह से लीग खेली गई वह काफी शानदार था।”
गोपीचंद ने कहा कि लीग में खेलने से भारत के खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिला और इसका अनुभव उन्हें काम आएगा।
उन्होंने कहा, “मैंने काफी खिलाड़ियों से बात की, जिन्होंने विश्व के नामी खिलाड़ियों के साथ लीग में हिस्सा लिया। मुझे लगता है कि इससे भारत के खिलाड़ियों को काफी मदद मिलेगी।”
इस आयोजन की सबसे अच्छी चीज लीग में लागू किया गया नया नियम ‘ट्रम्प मैच’ था।
इस नियम के मुताबिक हर टीम को मुकाबले में एक खिलाड़ी को ट्रम्प मैच चुनना पड़ता था। ट्रम्प मैच जीतने वाली टीम को दो अतिरिक्त अंक दिए जाते थे और हारने वाली टीम का एक अंक घटा दिया जाता था।
इस नियम पर गोपीचंद ने कहा, “यह काफी शानदार था। इससे मैचों में काफी उत्साह देखने को मिला। यह टीमों की रणनीति का अहम हिस्सा था।”
उन्होंने कहा, “इस नियम को सभी ने पसंद किया। खिलाड़ियों और टीमों को इसे अपनाने में किसी तरह का कोई संकोच नहीं था। सभी ने इसे पसंद किया। मैंने इस पर किसी की भी नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देखी।”