नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि भारत को ओलंपिक जैसे अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए उन खेलों पर अधिक ध्यान देना चाहिए जिनमें वह अधिक क्षमतावान है और जिनमें पदक जीतने की संभावना अधिक है।
जेटली के अनुसार पुराने अनुभवों से पता चलता है कि एक देश सभी खेलों में कभी अव्वल नहीं बन सकता। इसलिए भारत को हॉकी, कुश्ती, तीरंदाजी, बैडमिंटन, मुक्केबाजी और निशानेबाजी जैसे खेलों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, जिनमें अच्छे नतीजे मिलने की सबसे ज्यादा संभावना है।
जेटली ने कहा, “देश में पर्याप्त आधारभूत सुविधाओं की भी जरूरत है ताकि बेहतर प्रतिभाओं को तैयार किया जा सके। साथ ही ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए जिसमें देश के विभिन्न खेल संघ और सरकार आधारभूत संरचना तैयार करने में एक-दूसरे की मदद कर सकें और इसका फायदा कम से कम जिला स्तर तक पहुंचे।”
जेटली ने यह बातें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के युवा मामलों और खेल मंत्रियों के सम्मेलन में कहीं।
जेटली ने खेल संघों से अपने ढांचे को ज्यादा पेशेवर करने को भी कहा ताकि देश में खेलों का बेहतर प्रबंधन हो सके।
जेटली ने नई दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पूर्व में हुए कई अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के कारण बेहतर खेल सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन उनका पूरा इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
इस मौके पर खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि केंद्र ने पूर्वोत्तर सहित देश के अन्य क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए धन मुहैया कराया है। सोनोवाल के अनुसार उनका मंत्रालय जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं को भी बड़ी संख्या में खेल की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।
साथ ही खेल मंत्री ने उम्मीद जताई कि ‘टार्गेट ओलंपिक पोडियम’ (टीओपी) योजना की मदद से अगले ओलंपिक खेलों में अच्छे नतीजे आएंगे। इस योजना के अनुसार 2016 और 2020 में होने वाले ओलंपिक खेलों में पदक जीत सकने वाले संभावित एथलीटों की पहचान की जानी है।