Ramcharit Manas Row: अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने वाले को 21 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की. गौरतलब है कि मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर टिप्पणी की थी .
राजू दास ने कहा कि अखिल भारतीय ओबीसी महासभा द्वारा रविवार को लखनऊ में जिस तरह से रामचरितमानस की प्रतियां जलाई गईं, यह स्वामी प्रसाद मौर्य का काम है.
उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में यह आरोप लगाया था कि श्रीरामचरित मानस के कुछ छंदों ने जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का “अपमान” किया और मांग की कि इन पर “प्रतिबंध” लगाया जाए.
मौर्य प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सपा में शामिल हो गए थे.
उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद में भेज दिया था.
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले श्रीरामचरितमानस के ‘पन्ने’ की प्रतियां जलायी थीं.
‘रामचरित मानस का विरोध हिन्दू समाज को तोड़ने के SP, RJD के षड्यंत्र का हिस्सा’
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को आरोप लगाया कि रामचरित मानस के खिलाफ हाल के दिनों में किया गया विरोध हिन्दू समाज को तोड़ने के समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के षड्यंत्र का हिस्सा है और यह कभी सफल नहीं होगा.
कुमार ने कहा कि प्रभु राम भारत की राष्ट्रीय एकता एवं सद्भाव के प्रतीक हैं और सदैव बने रहेंगे.
विहिप के कार्याध्यक्ष ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘हाल में हमने देखा है कि रामचरित मानस पर प्रतिबंध की मांग की गई, इसके पन्ने जलाए गए और कहा गया कि यह दलितों, महिलाओं और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) विरोधी है.’’
उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि यह विरोध सब जगह अचानक एक साथ कैसे शुरू हुआ.
कुमार ने कहा, ‘‘जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने (रामचरित मानस के खिलाफ) कहा तो हमने अंदाजा लगाया कि यह उनका व्यक्तिगत विचार होगा लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें दो ही दिन बाद पार्टी का राष्ट्रीय महामंत्री बना दिया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रकार बिहार में भी मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने जो कहा, उसे लेकर उनकी पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.’’
कुमार ने कहा कि ऐसे में यह निश्चित ही सपा और लालू प्रसाद यादव की पार्टी की राजनीति का अगला कदम है, जिनका मकसद ‘‘अनुसूचित समाज के लोगों को हिंदू समाज से तोड़ना और अगले चुनाव की बिसात बिछाना है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस प्रकार का गठबंधन एक षड्यंत्र का हिस्सा है और यह कभी सफल नहीं होगा.’’
कुमार ने कहा, ‘‘प्रभु राम लोगों को जोड़ने वाले हैं और वह 14 वर्ष जंगलों में नंगे पांव घूमकर समाज के सभी वर्गों के लोगों से मिलते रहे. इस मजबूत रिश्ते को ना तो आज तक कोई तोड़ पाया है और न कोई तोड़ पाएगा.’’
विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि जो लोग इस तरह का कार्य करके समाज की एकता को तोड़ने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद कानून और संविधान के तहत सड़क से अदालत तक ऐसे कृत्य का विरोध करेगा.