नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर विशाल पुष्पचक्र चढ़ाया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेने यहां आए ओबामा ने इसके बाद यमुना नदी के किनारे स्थित स्मारक परिसर में ‘पीपल’ का पौधा लगाया।
नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर विशाल पुष्पचक्र चढ़ाया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेने यहां आए ओबामा ने इसके बाद यमुना नदी के किनारे स्थित स्मारक परिसर में ‘पीपल’ का पौधा लगाया।
ओबामा के साथ इस दौरान मिनिस्टर इन वेटिंग पीयूष गोयल और राजघाट के अधिकारी मौजूद थे। सफेद पुष्पों का चक्र जिसे लाल, नीले और सफेद रिबन से बांधा गया था और यह रिबन अमेरिकी ध्वज के तीन रंगों की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति को प्रदर्शित कर रहा था।
ओबामा के साथ उनकी पत्नी मिशेल भी आई हैं। तीन दिनों की भारत यात्रा पर आए ओबामा ने रविवार की सुबह राजधानी दिल्ली में अपना कदम रखा। सोमवार को आयोजित होने वाले 66वें गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में वे मुख्य अतिथि की हैसियत से मौजूद रहेंगे।
काले ग्रेनाइट पत्थर से बना प्लेटफार्म और स्मारक के चारों तरफ सफेद संगमरमर से बनी उसकी दीवारों को पीले और नारंगी रंग के मैरिगोल्ड फूलों से सजाया गया था।
ओबामा ने शांति के प्रतीक इस स्मारक की परिक्रमा की, पुष्पचक्र चढ़ाया और पुष्पांजलि अर्पित की। वह वहां कुछ समय मौन खड़े रहे। समाधि पर महात्मा गांधी के अंतिम शब्द ‘हे राम’ को उकेरा गया है। शांति दूत के रूप में माने गए महात्मा गांधी का स्मारक लाल रंग के गुलाब की पंखुड़ियां से ढकी हुई थी।
नजदीक के कार्यालय में अतिथि पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने के लिए जाने से पहले ओबामा ने हाथ जोड़ा और तब रवाना हुए।
अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति ओबामा अक्सर महात्मा गांधी की विरासत को याद करते हैं और उन्हें अपना प्रेरणास्रोत बताते हैं।
राजघाट पर अतिथि पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्होंने लिखा, “डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने जो कहा था वह आज भी सत्य है। महात्मा गांधी की आत्मा आज भी भारत में मौजूद है और उनके अवशेष दुनिया के लिए महान उपहार हैं। सभी लोगों और राष्ट्रों के बीच हम हमेशा उनके प्रेम और शांति के संदेश में जिएं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति को राष्ट्रपिता की अर्ध प्रतिमा, एक चरखा, खादी से बनी एक सूची जिसपर सात सामाजिक चिन्ह मुद्रित हैं और तीन पुस्तकें जिसमें गांधी की आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरे अनुभव की कथा’ भी शामिल हैं, भेंट में दी गई।
राजघाट समाधि के सचिव रजनीश कुमार ने आईएएनएस को बताया, “हमने उन्हें (ओबामा को) गांधीजी की एक अर्ध प्रतिमा, चरखा, खादी से बना सात सामाजिक चिन्ह मुद्रित सूची, खादी वस्त्र और तीन पुस्तकें जिसमें गाधी की आत्मकथा, महात्मा गांधी का मानस और महात्मा गांधी 100 वर्ष शामिल हैं, प्रदान की।”
ओबामा राजघाट पर दूसरी बार आए थे। इससे पहले नवंबर 2010 में उन्होंने यहां कदम रखा था।
8 नवंबर 2010 को यहां अतिथि पुस्तिका पर उन्होंने लिखा था, “हम इस महान आत्मा को हमेशा याद रखेंगे। इस महान आत्मा ने अपने शांति, सहिष्णुता और प्रेम के संदेश के जरिए दुनिया बदल दी। उनके गुजर जाने के 60 वर्षो से अधिक समय गुजर जाने के बाद उनके संदेश का प्रकाश दुनिया को प्रेरित कर रहा है।”