रायपुर, 3 जनवरी – नरेंद्र मोदी सरकार ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को आमंत्रित किया है। छत्तीसगढ़ में पैर जमाए नक्सलियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया है। (21:43)
नक्सलियों ने बयान जारी कर आरोप लगाया है कि दरअसल ओबामा की नजर भारत के विशाल बाजार, जल संसाधन, जंगल, जमीन और उसके नीचे दबी अपार खनिज संपदा पर है। ओबामा भारत के इन संसाधानों को लूटकर अपने देश का आर्थिक संकट दूर करना चाहते हैं। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मेक इन इंडिया’ का नारा देकर विदेशियों को भारत लूटने का खुला आमंत्रण दे रहे हैं। देश के हर नागरिक को इनके बीच चल रहे इस खेल का विरोध करना चाहिए।
नक्सलियों की ओडिशा राज्य कमेटी के प्रवक्ता शरतचंद्र मांझी ने एक लिखित बयान में यह भी कहा, “जो अमेरिका 10 साल तक नरेंद्र मोदी को वीजा तक नहीं दे रहा था। अब उसके राष्ट्रपति मोदी को मैन ऑफ द एक्शन कह रहे हैं। इनके बीच हुई सौदेबाजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।”
मांझी का कहना है कि यह भारतीय बाजार और यहां उपलब्ध संसाधानों का लालच ही है जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति शामिल होने जा रहा है। अमेरिका कभी भी भारत का हितैषी नहीं रहा है। फिर केंद्र में बैठी मोदी सरकार अमेरिका पर इतना भरोसा क्यों कर रही है।