वाशिंगटन, 21 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्तासीन होने के बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का मुख्य अतिथि बनकर आना भारत-अमेरिका के संबंधों में बड़े बदलाव को दर्शाता है।
वाशिंगटन, 21 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्तासीन होने के बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का मुख्य अतिथि बनकर आना भारत-अमेरिका के संबंधों में बड़े बदलाव को दर्शाता है।
भारत आगमन के प्रति ओबामा के उत्साह का आलम यह है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित अमेरिकी कांग्रेस के पारंपरिक संयुक्त सत्र को उन्होंने एक सप्ताह आगे बढ़ा दिया।
राजनयिक सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि वह भारत के बारे में क्या सोचते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह देखना है कि भारत में बिताया गया उनका समय उत्साहित भारत के लिए कितना सार्थक, कितना प्रभावी तथा अवसरों से भरपूर साबित होता है।
ओबामा का भारत दौरा रविवार से शुरू हो रहा है। वह ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे, जो परेड के दौरान सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद दो घंटे तक खुले आकाश के नीचे मौजूद रहेंगे। ओबामा का भारत का यह दूसरा दौरा होगा।
सूत्रों ने कहा कि आज भारत में उस दिन से ज्यादा खुशी होगी, जब बीते साल 30 सितंबर को मोदी अपनी ऐतिहासिक जीत के चार महीने बाद ओबामा के साथ अपने प्रथम शिखर बैठक के लिए वाशिंगटन आए थे।
सूत्रों ने कहा कि सितंबर में हुई शिखर बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के हर हिस्से पर काम किया गया। भारत द्वारा अपनी कार्यशैली में लाए गए बदलाव के कारण उसके साथ काम करना आसान हो गया है।
अमेरिकी नेता को आमंत्रित करने का विचार मोदी की देन है। जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक शायद वह पहले ऐसे नेता हैं, जो विकास को बढ़ावा देने के लिए विदेश नीति को एक औजार के तौर पर देख रहे हैं।
भारत दौरे पर ओबामा के साथ उनकी पत्नी मिशेल ओबामा के भी होने की संभावना है, लेकिन स्कूल होने के कारण उनकी दोनों बेटियां मालिया और साशा उनके साथ नहीं होंगी।
वाशिंगटन में सितंबर में मोदी-ओबामा के बीच हुई मुलाकात के बाद द्विपक्षीय संबंधों में कितनी प्रगति हुई है, नई दिल्ली में दोनों नेताओं की मुलाकात से इसका आकलन किया जा सकेगा।
संभावना है कि इस दौरान वे आर्थिक मुद्दों, जलवायु परिवर्तन, खुफिया सूचना साझा करने सहित रक्षा व सुरक्षा तथा ठंडे बस्ते में पड़े भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर चर्चा करेंगे।
इस दौरान, रक्षा, व्यापार एवं प्रौद्योगिकी पहल (डीटीटीआई) के हिस्से के रूप में दो गंभीर रक्षा प्रणाली- ड्रोन तथा लॉकहिड मार्टिन द्वारा निर्मित सी-130 परिवहन सैन्य विमान के लिए उपकरणों – के सह उत्पादन तथा सह विकास को भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
ओबामा तथा मोदी के बीच अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी तथा भारत की सुरक्षा के लिए इससे उपजे संकट, भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव तथा सीमा पार से आतंकवाद पर भी चर्चा होने की संभावना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।