तिरुवनंतपुरम, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)। बचाव अभियान के संचालन के तरीके को लेकर लोगों के निशाने पर आए केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बुधवार को कहा कि चक्रवाती तूफान ओखी को लेकर पूर्व में कोई सूचना नहीं मिली थी और इसके साथ ही उन्होंने प्रभावित लोगों के लिए कई पैकेजों को मंजूरी दे दी।
कैबिनेट की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए विजयन ने इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए नए उपाय घोषित किए, ताकि विनाश को कम किया जा सके।
बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए विजयन ने कहा कि राज्य सरकार को चक्रवाती तूफान ओखी को लेकर पहली सूचना 30 नवंबर को अपराह्न में मिली थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “चक्रवाती तूफान ओखी के बारे में पूर्व में कोई सूचना नहीं मिली थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 30 नवंबर को सुबह 8.30 बजे कन्याकुमारी (तमिलनाडु) तट से समुद्र में करीब 170 किलोमीटर दूरी पर बहुत गहरे दबाव का क्षेत्र बनने के बारे में सूचित किया था।”
उन्होंने कहा, “यहां तक कि उस समय भी चक्रवाती तूफान का कोई जिक्र नहीं किया गया था और उस समय तक मछुआरे पहले ही समुद्र में जा चुके थे।”
विजयन ने कहा कि यहां आए केंद्रीय मत्रियों ने भी कहा था कि राज्य सरकार की कोई गलती नहीं है और एक घंटे के भीतर ही रक्षा कर्मियों ने बचाव का काम शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा कि 1,130 मलयाली मछुआरों सहित करीब 2,600 मछुआरों को बचाया गया है और रिकॉर्ड के अनुसार 92 मछुआरे अभी भी लापता हैं।
विजयन ने कहा कि चक्रवाती तूफान के चलते मरने वाले हर शख्स के संबंधी को मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपये देने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। स्थायी रूप से विकलांग हुए हर शख्स को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
विजयन ने कहा कि अगले एक हफ्ते में वयस्क मछुआरों को प्रतिदिन 60 रुपये और उनके बच्चों को प्रतिदिन 45 रुपये के हिसाब से भत्ता मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तटीय इलाकों में एक महीने तक निशुल्क राशन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह इस आपदा में सहायता करने वालों और केंद्र सरकार का आभार जताना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र से अनुरोध किया जाएगा।