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 ऑनलाइन गर्भपात? रहें सावधान! | dharmpath.com

Friday , 22 November 2024

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ऑनलाइन गर्भपात? रहें सावधान!

December 31, 2014 2:54 am by: Category: फीचर Comments Off on ऑनलाइन गर्भपात? रहें सावधान! A+ / A-

imagesनई दिल्ली, 31 दिसंबर – इंटरनेट के जरिए अब पूरी दुनिया एक क्लिक पर आपके सामने होती है। तकनीक में हो रहे विकास से लाभ तो बहुत है, मगर सावधानी भी जरूरी है। इंटरनेट पर नए-नए ऑफर युवाओं को आकर्षित करते हैं। आजकल देखा जा रहा है कि पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित कई लड़कियां शादी से पहले गर्भवती होने पर इंटरनेट पर दवा सर्च कर स्वयं गर्भपात कर लेती हैं। ऐसा करना बेहद खतरनाक है। कृतिका का अपने सहकर्मी के साथ प्रेम संबंध था, अक्सर ऑफिस के काम से उन्हें साथ में ही शहर से बाहर जाना पड़ता था। काम के दौरान मौमजस्ती के बीच एक दिन कृतिका को पता चला कि वह गर्भवती हो गई है। घर परिवार व समाज में बदनामी के डर से उसने खुद से ही गर्भपात करने का निश्चय किया। गर्भपात करने की जानकारी के लिए कृतिका ने इंटरनेट सर्च करना शुरू किया।

नेट में पढ़ी जानकारी के मुताबिक, ओरल पिल्स के द्वारा अबॉशर्न कृतिका को बहुत सरल दिखाई दिया। वह दवाई खरीद कर लाई और बिना किसी डॉक्टर की सलाह लिए गोलियां खा लीं। दवा की दूसरी डोज लेते ही उसे बहुत तेजी से ब्लीडिंग शुरू हो गई। लगातार ब्लीडिंग होने से वह बहुत कमजोर हो गई, हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई और आखिर में उसे डाक्टर की शरण में जाना ही पड़ा।

नर्चर आईवीएफ सेंटर की गाइनकोलॉजिस्ट एवं ऑब्सटेट्रिशियन डॉ. अर्चना धवन बजाज बताती हैं, “जब मैंने कृतिका का परीक्षण किया तब उसका हीमोग्लोबिन घटकर 5 ग्राम रह गया था। उसके शरीर में मौजूद रक्त की मात्रा में से आधे से अधिक खून बह गया था, तब मरीज को 4 यूनिट खून चढ़ाया गया और आपातकालीन डी तथा सी उपचार दिया गया।”

उन्होंने कहा कि उसके गर्भाशय से बहुत अवशेष निकाला गया। बिना किसी डॉक्टर की देखरेख में अबॉर्शन पिल लेने की वजह से उसका पूरी तरह से गर्भपात नहीं हो पाया था और संक्रमण भी बहुत अधिक फैल गया था। सौभाग्यवश समय रहते कृतिका की स्थिति को संभाल लिया गया, वरना उसकी जान को भी खतरा था।

यह सिर्फ एक कृतिका की बात नहीं, आजकल नवयुवतियों में वेब के द्वारा अबॉर्शन आम चलन हो गया है, जो लड़कियों के लिए एक बड़ा खतरा है। इन दिनों ऐसे मामले बहुत आम हो चुके हैं। इंटरनेट के जरिए बहुत गर्भपात हो रहे हैं, ज्यादातर नवयुवतियां ही इसमें फंसती हैं।

दवा से गर्भपात कोई अवैध नहीं है। इस प्रक्रिया को परिवार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2002 में मान्यता प्रदान की गई है। मेडिकल अबॉर्शन निर्देशों के अनुसार, गर्भावस्था के सात हफ्तों के भीतर दवा द्वारा गर्भपात किया जा सकता है यानी माहवारी के अगले तीन हफ्तों के अंदर माइफप्रोस्टिन व मीसोप्रोसटल अबॉर्शन पिल ली जा सकती है।

पहली गोली से प्रेग्नेंसी को खत्म किया जाता है और दूसरी गोली यूट्रीन कॉन्ट्रेक्शन को बढ़ाकर गर्भपात कर देती है, लेकिन यह दवा हमेशा डॉक्टर की निगरानी में ही ली जानी चाहिए, क्योंकि गर्भपात के बाद डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के द्वारा फिर चेक करती हैं कि गर्भपात ठीक प्रकार से हुआ या नहीं, ताकि कोई अवशेष न रह जाए।

एक अनुमान के मुताबिक, हर साल 18 लाख से 67 लाख गर्भपात खुद से किए गए मेडिकल अबॉर्शन के द्वारा होते हैं।

डॉ. अर्चना बताती हैं कि इंटरनेट की मदद से गर्भपात खतरे से भरा होता है। उन्होंने कहा, “मुझे हर हफ्ते कई कॉल आते हैं, जिनमें लड़कियां इंटरनेट पर दिए गए तथ्यों को पढ़कर पूछती हैं कि क्या ये तरीके सही हैं? वे लड़कियां डॉक्टर के पास जाना नहीं चाहतीं, खुद गर्भपात करना चाहती हैं। मैं उन्हें मना करती हूं, क्योंकि इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।”

उन्होंने बताया कि स्वयं गर्भपात के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक ब्लीडिंग, अधूरा गर्भपात, डी और सी की जरूरत, रक्त में इन्फेक्शन, सदमा तथा मृत्यु की आशंका। कभी-कभी बांझपन की समस्या भी हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत महिला मृत्यु दर में सालाना आठ प्रतिशत मृत्यु दर (अर्थात 4600 मृत्यु) गर्भपात के कारण होती है। मेडिकल अबॉर्शन, गर्भपात की सरल प्रक्रिया है लेकिन यह हमेशा किसी डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।

ऑनलाइन गर्भपात? रहें सावधान! Reviewed by on . नई दिल्ली, 31 दिसंबर - इंटरनेट के जरिए अब पूरी दुनिया एक क्लिक पर आपके सामने होती है। तकनीक में हो रहे विकास से लाभ तो बहुत है, मगर सावधानी भी जरूरी है। इंटरनेट नई दिल्ली, 31 दिसंबर - इंटरनेट के जरिए अब पूरी दुनिया एक क्लिक पर आपके सामने होती है। तकनीक में हो रहे विकास से लाभ तो बहुत है, मगर सावधानी भी जरूरी है। इंटरनेट Rating: 0
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