नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने देशभर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के तहत आने वाली इमारतों में लगने वाला प्रवेश शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। संशोधित शुल्क शुक्रवार से लागू होगा।
करीब 15 वर्र्षो बाद इमारतों में प्रवेश के शुल्क में वृद्धि की जा रही है। इससे पहले वर्ष 2000 में प्रवेश शुल्क में वृद्धि की गई थी।
संस्कृति मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “शुल्क वृद्धि आम जनता, टूर और ट्रैवेल संघों और पर्यटन मंत्रालय से टिप्पणी और सुझाव बाद संशोधित किया गया है।”
बयान के मुताबिक, बढ़ी दरें विदेशों में स्मारकों में प्रवेश शुल्क के बराबर रखा गया हैं।
भारतीय नागरिकों और दक्षेस और बीआईएमएसटीईसी देशों (बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल) के नागरिकों के लिए विश्व विरासत स्मारकों का प्रवेश शुल्क 10 रुपये से बढ़ा कर 30 रुपये कर दिया गया है, जबकि अन्य स्मारकों के प्रवेश शुल्क पांच रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया है।
इसी तरह अन्य सभी देशों के नागरिकों के लिए विश्व विरासत स्मारकों और अन्य स्मारकों हेतु प्रवेश शुल्क क्रमश: 250 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये और 100 रुपये से बढ़ा कर 200 रुपये कर दिया गया है।
अधिक कीमत वाले टिकट धारकों (300, 500, 750) के लिए एक अलग कतार की सुविधा रहेगी।
सरकार ने एएसआई स्मारकों को देखने आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
बयान में कहा गया है, “बेहतर सुविधाओं के रूप में मुफ्त बोतलबंद पानी, वाई-फाई, स्मृति चिन्ह और चित्रों व फिल्मों की सीडी 300 रुपये और 750 रुपये टिकट वाले पर्यटकों को दिए जाएंगे।”
बयान में कहा गया है, “इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।”