नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति देने के लिए आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा, जिस पर राज्य में 2018 में एक कानून पारित किया गया था।
न्यायमूर्ति यू.यू.ललित व डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, “हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि कानून को चुनौती देने का कोई आधार नहीं है।”
2017 के कानून की कमियों को दूर करने के लिए कर्नाटक सरकार ने 2018 में एक कानून पारित किया था।