चंडीगढ़, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि एसवाईएल नहर मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के बीच 20 अप्रैल को बैठक बुलाने के केंद्र के कदम का वह स्वागत करते हैं।
चंडीगढ़, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि एसवाईएल नहर मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के बीच 20 अप्रैल को बैठक बुलाने के केंद्र के कदम का वह स्वागत करते हैं।
केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नदी जल बंटवारे के विवादास्पद मुद्दे को सुलझाने के लिए बैठक बुलाने के लिए कहा है।
सतलुज-यमुना लिंक एसवाईएल नहर का मामला सर्वोच्च न्यायालय में 12 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, और ताजा घटनाक्रम से सुनवाई टल सकती है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि पंजाब ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि राज्य की नई कांग्रेस सरकार इस मामले में नए निर्देश जारी करेगी और इसलिए मामले की सुनवाई स्थगित करना आवश्यक है।
पंजाब की ओर से अधिवक्ता राम जेठमलानी, महाधिवक्ता अतुल नंदा और वरिष्ठ वकील आर.एस. सूरी न्यायालय में पेश हुए, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा।
अमरिंदर ने एक बयान में यहां कहा कि वह एसवाईएल मुद्दे के एक सौहाद्र्रपूर्ण समाधान में मदद के लिए काफी समय से केंद्र से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं, क्योंकि यदि नहर का निर्माण हुआ तो पंजाब पानी से वंचित हो जाएगा, जिसकी उसे बहुत जरूरत है।
सर्वोच्च न्यायालय ने पड़ोसी राज्यों के साथ नदी के जल बंटवारे से संबंधित समझौतों को रद्द करने के पंजाब के कदम को 10 नवंबर को असंवैधानिक घोषित कर दिया था और आदेश दिया था कि राज्य नहर निर्माण की अनुमति दे और एसवाईएल का पानी पड़ोसी हरियाणा को मुहैया कराए।
अमरिंदर ने कहा, “पंजाब के पास अन्य राज्यों को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। एसवाईएल मामले में कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले पंजाब के पास उपलब्ध नदी के वास्तवित पानी का नए सिरे से आकलन करने की जरूरत है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के साथ जल आवंटन में अन्याय हुआ है।