बेंगलुरू, 18 फरवरी (आईएएनएस)। रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने बुधवार को एयरोस्पेस उद्योग को अवसंरचना का दर्जा दिए जाने की मांग की और कहा कि उनका समूह रक्षा क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है।
एयरो इंडिया-2015 व्यापार मेले के हिस्से के तौर पर यहां आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में अंबानी ने कहा, “एयरोस्पेस उद्योग को अवसंरचना उद्योग का दर्जा दिए जाने की जरूरत है।”
अंबानी ने कहा, “मेरी उपस्थिति से देश के रक्षा उद्योग के विकास के प्रति हमारे समूह की निष्ठा का पता चलता है। जैसा कि आप जानते हैं कि रक्षा क्षेत्र में हमारा कारोबार नहीं है, लेकिन अब हम इसे बदलना चाहते हैं।”
उन्होंने रक्षा क्षेत्र में लिए गए हाल के कई फैसले का जिक्र करते हुए कहा, “यह स्पष्ट हो चुका है कि हमें सोच में 180 डिग्री परिवर्तन करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “सरकार को हर स्तर पर यह समझने की जरूरत है कि देश के रक्षा उद्योग के विकास में निजी क्षेत्र भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जितना सरकारी क्षेत्र।”
उन्होंने सरकारी निजी भागीदारी मॉडल पर एक संप्रभु रक्षा कोष (एसडीएफ) बनाने की सलाह दी, जिसमें सरकार की हिस्सेदारी 49 फीसदी और शेष हिस्सेदारी निजी क्षेत्र की हो, लेकिन किसी भी एक कंपनी की हिस्सेदारी पांच फीसदी से अधिक नहीं हो।
उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र को जरूरत से अधिक नियामकीय सीमाओं और जांच एजेंसियों के हस्तक्षेप से मुक्त करने की जरूरत है और इसमें साहस और भरोसा का संचार करने की जरूरत है।
निवेशक सम्मेलन की अध्यक्षता रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने की।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहले हुए एक वार्ता का जिक्र किया, जिसमें मोदी ने उनसे कहा था कि देश में आंसू गैस के गोले भी विदेश से मंगवाए जाते हैं।
अंबानी ने कहा कि मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निजी और सरकारी क्षेत्र को प्रतिबद्धता, गठजोड़ और सहयोग के आधार पर मिलकर काम करना होगा।