बैंकाक, 29 जनवरी (आईएएनएस)। इंडोनेशिया से सिंगापुर के लिए उड़ान भरने के बाद जावा सागर में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयरएशिया की विमान संख्या क्यूजेड8501 को उसका सह पायलट उड़ा रहा था। जांच के दौरान गुरुवार को इस बात का खुलासा हुआ।
स्ट्रेट टाइम्स डेली के अनुसार, इंडोनेशिया के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी कमेटी (एनटीएससी) के अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उसे उसका सह पायलट उड़ा रहा था, जबकि विमान का पायलट उड़ान पर निगरानी रख रहा था। चालक दल के सभी सदस्यों के पास मान्य लाइसेंस तथा चिकित्सकीय प्रमाणपत्र था।”
सरकारी एजेंसी ने कहा कि विमान एयरबस 320-200 जब सुराबाया शहर से रवाना हुआ था, तब उसमें कोई खराबी नहीं थी।
एनटीएससी के मुख्य जांचकर्ता मर्दजोनो सिस्वोसुवार्नो ने कहा कि समुद्र से निकाली गई फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से जो जानकारियां प्राप्त हुई हैं, उसमें दुर्घटना से कुछ मिनट पहले की सारी जानकारियां दर्ज हैं। हालांकि इससे दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
सिस्वोसुवार्नो के अनुसार, तूफान से बचने के लिए जब उसने 32 हजार फीट से 38 हजार फीट की ऊंचाई तक जाने की अनुमति मांगी थी, तब इसका ‘वेट एंड बैलेंस इनवैलप’ सीमा के भीतर था।
34 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ने की अनुमति मिलने के बाद विमान बाईं तरफ मुड़ गया और मात्र 30 सेकंड के भीतर 37,400 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गया और इसके बाद फिर 30 सेकंड के भीतर 32 हजार फीट की ऊंचाई पर आ गया। समुद्र की तरफ गिरने की शुरुआत करने में उसे केवल तीन मिनट का समय लगा।
इंडोनेशिया के अधिकारी लापता 92 यात्रियों के शवों को तलाश करने का प्रयास कर रहे हैं।
मंगलवार को सुरक्षाबलों ने दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे को बरामद करने का काम बंद कर दिया।
उल्लेखनीय है कि बीते साल 28 दिसंबर को इंडोनेशिया के सुराबाया शहर से सिंगापुर के लिए उड़ान भरने के बाद एयरएशिया का यह विमान जावा सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।