नई दिल्ली: द न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने हिंदी समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ को यूट्यूब और अपनी वेबसाइट से उस प्रसारण को हटाने के लिए कहा है, जिसमें उत्तराखंड के हलद्वानी में अवैध अतिक्रमण के मुद्दे को ‘सांप्रदायिक रंग’ दिया था.इसने एक अन्य हिंदी समाचार चैनल ‘आज तक’ से भी ऐसे शब्दों का उपयोग करने से बचने के लिए कहा है जो किसी ‘अन्य वैध मुद्दे’ को ‘पूरी तरह से अलग’ आयाम देते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाले एनबीडीएसए का यह आदेश मुंबई स्थित नागरिक अधिकार संगठन सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा दायर शिकायतों पर आया है.
बीते 2 नवंबर के आदेश में एनबीडीएसए ने कहा है कि चैनल (टाइम्स नाउ नवभारत) का शो, जो 2 जनवरी को प्रसारित किया गया था और जिसमें ‘जमीन जिहाद’ वाक्यांश का इस्तेमाल किया गया था, यह उसके ‘आचार संहिता और प्रसारण मानकों’ तथा नस्लीय और धार्मिक सद्भाव से संबंधित रिपोर्ट से संबंधित दिशानिर्देशों का उल्लंघन था.
यह कहते हुए कि उसने ‘प्रसारक को भविष्य में इस तरह के उल्लंघन न दोहराने की चेतावनी देने का निर्णय लिया है’, एनबीडीएसए ने चैनल से वीडियो के साथ-साथ ‘एक्सेस सहित सभी हाइपरलिंक्स को हटाने के लिए कहा, जिसकी पुष्टि आदेश के 7 दिनों के भीतर एनबीडीएसए को लिखित रूप में की जानी चाहिए’.
उत्तराखंड में अवैध अतिक्रमण पर 6 अप्रैल के प्रसारण पर आज तक को एक अलग आदेश में एनबीडीएसए ने कहा कि हालांकि उसे ‘विषय आपत्तिजनक नहीं लगा’, लेकिन उसने ‘समाचार चैनल को सलाह देने का फैसला किया है कि वह ‘मजार जिहाद’ शब्द को इतने हल्के ढंग से इस्तेमाल न करें और भविष्य के प्रसारण में इसके बारे में सावधान रहें’.