नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (आईएएनएस)। सरकार के पास बहुत बढ़ती पेंशन देनदारियों और वित्तीय कठनाइयों के कारण राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को पुरानी पेंशन योजना से बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। संसद में सोमवार को इस बात की जानकारी दी गई।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला नें लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि एक जनवरी 2004 के दिन और इसके बाद भर्ती किए गए केंद्रीय सरकार के कर्मचरियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना को पुरानी पेंशन योजना के साथ बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
शिमला से सांसद वीरेन्द्र कश्यप को दिए अपने जवाब में मंत्री ने कहा कि पेंशन देनदारियां बढ़ रही हैं और वे अरक्षणीय (अनसस्टेनेबल) हो गई हैं। वर्ष 2017-18 के दौरान पेंशन देने पर कुल 1,56,641.29 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना में अपनी हिस्सेदारी दस प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी है जिससे 2019-20 में केंद्रीय कोष पर 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
उन्होंने बताया की 30 नवंबर तक एनपीएस के तहत विभिन्न बैंकों के माध्यम से 4,779 लाभार्थी फैमिली पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।