नयी दिल्ली– राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले में यमुना नदी में रेत के अवैध खनन के आरोप की जांच करने के आदेश दिये हैं।
एनजीटी ने यमुदा नदी में अवैध रेत खनन के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये दो सदस्यीय संयुक्त समिति को इस मामले को देखने के लिये कहा।
याचिका के मुताबिक अवैध खनन के कारण यमुना नदी का पानी मुख्यधारा से अलग होकर उत्तर प्रदेश में 600 मीटर अंदर प्रतिबंधित क्षेत्र की ओर जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश के उन इलाकों में रहने वाले लोगों की भूमि पानी में डूब रही है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि एक ठेकेदार मुमताज अली रेत के अवैध खनन में संलिप्त है और उसने गाजियाबाद के पंचग्रह खंड गांव में नदी के किनारे 15 से 20 फुट तक खनन कर दिया है। उसने पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाकर खनन किया है जिससे पर्यावरण को क्षति हो रही है।
आरोपों की गंभीरता को देखते हुये जस्टिस बृजेश सेठी ने गुरुवार को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिलाधिकारी की संयुक्त समिति को आदेश दिया कि वह चार सप्ताह के भीतर बैठक करें और इस मामले को देखें।
पीठ ने साथ ही समिति को आदेश दिया कि वह खनन के स्थान पर जाकर मामले की जांच करे और तीन माह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करे। मामले की अगली सुनवाई अब 12 जुलाई को होगी।