भोपाल, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। आए दिन विभिन्न बैंकों की एटीएम से नकली नोट निकलने की शिकायतें आती रहती हैं, मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा एटीएम में आए जाली और नकली नोटों को पकड़ने (पहचान) की कोई व्यवस्था ही नहीं की गई है। यह बात स्वयं आरबीआई ने स्वीकारी है।
भोपाल, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। आए दिन विभिन्न बैंकों की एटीएम से नकली नोट निकलने की शिकायतें आती रहती हैं, मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा एटीएम में आए जाली और नकली नोटों को पकड़ने (पहचान) की कोई व्यवस्था ही नहीं की गई है। यह बात स्वयं आरबीआई ने स्वीकारी है।
सूचना के अधिकार के तहत एटीएम में नकली नोट की पहचान के संदर्भ में आरबीआई से मांगी गई जानकारी के जवाब में बताया गया है कि देश के सभी बैंकों को यह निर्देश है कि 100 या उससे ऊपर के नोटों को काउंटर या एटीएम से तभी पुन: जारी किया जाए, जब नोटबैंक मशीन द्वारा उसे जांच में असली और प्रचलन योग्य पाया जाए।
जहां तक एटीएम में आए जाली नोटों की पहचान का सवाल है, तो इसके लिए आरबीआई ने कोई नियम नहीं बनाया है।
मध्यप्रदेश के नीचम जिले के सूचना के अधिकार के कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरबीआई से नकली और जाली नेाटों को लेकर पूछ गए सवालों के आरबीआई ने 12 अप्रैल को जो जवाब दिए हैं, उसमें बताया गया है कि एटीएम से अगर नकली नोट निकला तो वह उपभोक्ता का दोष है और उसका नुकसान भी उपभोक्ता के हिस्से में जाएगा।
गौड़ ने आरबीआई से यह भी जानना चाहा था कि एटीएम से नकली या जाली नोट निकलने की स्थिति में उसे कैसे बदलवाया जा सकता है। इस पर आरबीआई ने कहा है कि जाली नोट का कोई मूल्य नहीं होता, इसलिए उसका विनिमय नहीं हो सकता।
इतना ही नहीं, उन्होंने जानना चाहा था कि क्या एटीएम के काट्रिज में फ्रेश, करंसी या शील्ड नोट ही डाले जाते हैं तो उन्हें इसका आरबीआई से जवाब मिला है कि एटीएम में नोटों के पहुंचने से पहले काउंटर अथवा नोट बैंक मशीन द्वारा प्रमाणित किया जाता है।
क्षत-विक्षत और गंदे नोटों को बदलने की प्रकिया को लेकर पूछ गए सवाल पर गौड़ को आरबीआई से जो जानकारी मिली है, उसमें कहा गया है कि सभी बैंकों को क्षत-विक्षत और गंदे नोटों को बदलने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए आरबीआई की नियमावली है।
गौड़ ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए आरबीआई के जवाब पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बैंक उपभोक्ता से नोट लेते वक्त सतर्कता और सजगता के साथ जब तक इस बात को लेकर संतुष्ट नहीं हो जाता है कि नोट असली है, तब तक वह उसे स्वीकारता नहीं है। तब यह सुविधा उपभोक्ता को क्यों नहीं मिलना चाहिए?
उनका कहना है कि तकनीक के विस्तार के दौर में आरबीआई को एटीएम में ऐसी डिवाइस लगाना चाहिए जो नकली अथवा जाली नोटों को पकड़ सके।
गौड़ की आरबीआई से मांग है कि वह तय समय के भीतर सभी एटीएम में फेक करंसी डिटेक्टर डिवाइस लगाए, ताकि उपभोक्ताओं को नकली नोट मिलने की परेशानी से बचाया जा सके।