नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कार्यरत भारत सरकार के उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) की सहायक कंपनी एचएलएल बायोटेक लिमिटेड (एचबीएल) ने देश में सस्ते पेंटावैलेंट टीके और हेपेटाइटिस बी के टीके बाजार में उतारे हैं और इसके साथ ही यह इन टीकों का उत्पादन करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का पहला उपक्रम बन गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव लव वर्मा ने शुक्रवार को यहां अपने कक्ष में इन नए टीकों को बाजार में उतारे जाने का शुभारंभ किया। इन टीकों का उत्पादन लोन लाइसेंस के तहत किया जा रहा है। एचबीएल के अध्यक्ष डॉ. एम. अय्यप्पन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भारत में हर साल पैदा होने वाले बच्चों में काफी बच्चों को पेंटावैलेंट टीके जैसे नए टीके नहीं लग पाते हैं। पेंटाहिल टीके के शुभारंभ से सिर्फ एक इंजेक्शन के द्वारा पांच संभावित घातक बीमारियों से बचाने के लिए सस्ते पेंटावैलेंट टीके उपलब्ध हो जाएंगे। पेंटाहिल और एचआईवीएसी – बी का शुभारंभ करके, एचबीएल देश में सस्ते टीके को उपलब्ध कराने में सफल हो जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पेंटाहिल और एचआईवीएसी – बी को आरंभ में केरल और तमिलनाडु से शुरू कर भारत के निजी बाजार में लाने की योजना बनाई गई है और उसके बाद इसे देश भर में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद, एचबीएल भारत सरकार के प्रतिरक्षण कार्यक्रम के लिए पेंटावैलेंट और हेपेटाइटिस बी टीकों की आपूर्ति शुरू कर देगा और साथ ही साथ अन्य संस्थाओं की आवश्यकता को भी पूरा करेगा।
लव वर्मा ने कहा, “एचबीएल के द्वारा निर्मित पेंटावैलेंट टीके और हेपेटाइटिस बी के टीके का शुभारंभ सस्ते टीके उपलब्ध कराने के लिए एचबीएल की टीका परियोजना ‘इंटीग्रेटेड वैक्सीन्स कॉम्प्लेक्स’ के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह भारत के टीकाकरण कार्यक्रम को और मजबूत करेगा।”
उन्होंने कहा, “एचबीएल के द्वारा उत्पादित पेंटाहिल और एचआईवीएसी- बी टीकों की मदद से, सार्वजनिक क्षेत्र में पेंटावैलेंट टीके और हेपेटाइटिस बी के टीके उपलब्ध कराने से देश की स्वास्थ्य नीति और मजबूत होगी।”
एचबीएल के अध्यक्ष डॉ. एम. अय्यप्पन ने कहा कि ‘इंटीग्रेटेड वैक्सीन्स कॉम्प्लेक्स’ (आईवीसी) का निर्माण कार्य प्रगति पर है और एक बार जब इसकी शुरुआत हो जाएगी तो रोग प्रतिरक्षण कार्यक्रम के तहत आपूर्ति किए जाने वाले खसरा, बीसीजी, रेबीज (मानव), हेपेटाइटिस बी, पेंटावैलेंट – तरल (डीपीटी-हेपेटाइटिस बी – हिब), जापानी इन्सेफेलाइटिस, हिब टीकों जैसे विभिन्न टीकों का उत्पादन शुरू हो जाएगा।