शिमला, 12 जून (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव अनुराग ठाकुर के अध्यक्षता वाले हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) ने 9 अप्रैल को विधानसभा द्वारा पारित हिमाचल प्रदेश खेल विधेयक-2015 का विरोध जताते हुए एक ज्ञापन राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंपा।
एचपीसीए के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर कहा कि यह विधेयक खेल संघों के स्वायत्तता के खिलाफ है और इससे उनकी कार्यप्रणाली पर भी असर होगा।
एचपीसीए ने विधेयक की मंशा पर भी सवाल उठाए और कहा कि अब जबकि कांग्रेस पार्टी राज्य में शासन में है तो इसलिए हो सकता है कि वह क्रिकेट संघ पर अपना अधिकार जमाना चाहती है।
एचपीसीए के अनुसार, “विधेयक में यह दावा किया गया है कि इसका मकसद खेल संघों को सहयोग देना और उनकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना है लेकिन ऐसा लगता है कि वर्तमान सरकार की कोशिश एचपीसीए को अस्थिर करने की है।”
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने लंबी चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कराया। विधेयक के अनुसार क्रिकेट संघ सहित 42 अन्य खेल संस्थाएं राज्य सरकार के नियंत्रण में आ जाएंगी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा था कि फिलहाल राज्य में खेल संघों पर नजर रखने के लिए कोई संस्था नहीं है।
वीरभद्र सिंह के अनुसार, “यह विधेयक उन सभी तत्वों को शामिल किए हुए है जो खेल संघों के पारदर्शी और लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करने के लिए जरूरी है। इससे खेल और खिलाड़ियों के विकास में भी मदद मिलेगी।”