पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में एक नए तरह के ड्रग्स का इस्तेमाल बढ़ा है.
लीगल हाई ड्रग्स’
लीगल हाई ड्रग्स आख़िर कौन सा ड्रग्स है?
अगर आप ने इसका नाम नहीं सुना हो तो हम आपको बता दें कि इसे न्यू सायकोएक्टिव सब्सटांस (एनपीएस) के नाम से भी जाना जाता है.
यूएनओडीसी के मुताबिक़ एनपीएस के बढ़ते इस्तेमाल से दुनिया भर में स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ रही हैं.
रिपोर्ट में इस ड्रग्स के बारे में चिंता जताते हुए लिखा गया है, “ये ड्रग खुले तौर पर बेचा जा रहा है, इंटरनेट पर इसकी बिक्री हो रही है. इस लिहाज़ से परंपरागत ड्रग के मुक़ाबले ये ज़्यादा ख़तरनाक है.”
इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि यह ड्रग कई बाज़ारों में अलग-अलग स्थानीय नाम से बिकता है.
इस नए ड्रग्स को लेकर कोई क़ानून नहीं है, ऐसे में ड्रग कारोबारी भी इसे बाज़ार में बेचने में ज़्यादा उत्साह दिखा रहे हैं.
इस ड्रग्स का पहले पहल इस्तेमाल तो एशियाई देशों में शुरू हुआ लेकिन अब यह दुनिया भर में बिक रहा है.
इसका सबसे बड़ा बाज़ार अमरीका है. रिपोर्ट के मुताबिक़ यूरोपीय संघ के मुक़ाबले अमरीकी युवा इस ड्रग्स की लगभग दोगुनी खपत कर रहे हैं.
यूरोपीय संघ के देशों में ब्रिटेन में इस ड्रग का इस्तेमाल सबसे ज़्यादा हो रहा है. यूएनओडीसी के मुताबिक़ 15 से 24 साल की उम्र वाले क़रीब सात लाख ब्रितानी युवा इस ड्रग का इस्तेमाल कर चुके हैं.
यूरोपीय मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस साल इस ड्रग्स के इस्तेमाल के 73 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 2011 में 49 मामले सामने आए थे.