भोपाल – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि आगामी 1 जनवरी से ई-खसरा मिलेगा। खसरे की नकल किसी भी लोक सेवा केन्द्र से प्राप्त की जा सकेगी। प्रदेश में 20-25 से अधिक कार्यों के लिये शपथ-पत्र लिये जाने की व्यवस्था भी समाप्त कर दी गयी है। श्री चौहान लोक सेवा दिवस के अवसर पर सुशासन भवन के लोकार्पण के बाद उपस्थित जन-समूह को संबोधित कर रहे थे। यह भवन 20 करोड़ की लागत से निर्मित किया गया है।
कार्यक्रम का प्रदेश के सभी विकासखण्ड मुख्यालय में लाइव प्रसारण किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, सांसद आलोक संजर सहित बड़ी संख्या में लोक सेवा केन्द्र संचालक, अधिनियम से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सही अर्थों में प्रशासन के दरवाजे जनता के लिये खोले हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम, मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना, जन-सुनवाई, समाधान ऑन लाइन जैसे अनेक क्रांतिकारी कार्य किए हैं। तय सीमा में काम नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाने वाला मध्यप्रदेश देश-दुनिया का पहला राज्य है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बताए मार्ग पर चलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सुशासन का मूल मंत्र पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी से सीखा है। उसी के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार किए हैं। इनका ही प्रतिफल है कि ”मेक इन इण्डिया” कार्यक्रम में आए देश के बड़े निवेशकों ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिये सबसे उपयुक्त राज्य बताया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा फोन पर जनता के कार्य और समस्याओं के समाधान के प्रयास किये गये हैं। व्यवस्था की समीक्षा के लिये वे स्वयं पाँच लोगों को फोन लगाकर जानकारी लेते हैं। लगभग 99 प्रतिशत लोग कार्य होने की जानकारी देते हैं। श्री चौहान ने कहा कि व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने का निरंतर मंथन चल रहा है। आगामी दिनों में गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिये बार-बार आवेदन करने की भ्रांति को दूर करने के लिये विचार-विमर्श कर नई व्यवस्था लागू करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को राज्य सरकार के नवाचार का थिंक टैंक बताते हुए और अधिक संकल्प और समर्पण के साथ कार्य करने को कहा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में 35 लोक सेवा पुरस्कार प्रदान किये। राज्य लोक सेवा अभिकरण के प्रतीक-चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया।
लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जन तक तंत्र को ले जाने के लिये समर्पित है। उसके प्रत्येक कार्य में गरीब से गरीब व्यक्ति को लाभान्वित करने का संकल्प दिखायी देता है। राज्य ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम जैसा कानून बनाया है। देश में अपनी तरह के इस अनूठे कानून की सभी जगह सराहना हुई है। केन्द्र सरकार भी इसे लागू करने की संभावनाओं पर कार्य कर रही है।
मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने कहा कि लोक सेवा गारंटी कानून से प्रदेश में नई कार्य- संस्कृति का जन्म हुआ है। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से 2 करोड़ 75 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त कर समय-सीमा में निराकरण के कार्य किये गये हैं। महानिदेशक प्रशासन अकादमी आई.एस. दाणी ने कहा कि संस्थान सुशासन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिरूप है।
सूचना प्रौद्योगिकी सचिव हरिरंजन राव ने बताया कि प्रतिवर्ष लोक सेवा पुरस्कार लोक सेवा केन्द्र संचालकों और अधिनियम से जुड़े अधिकारियों को दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में गत 2 वर्ष के दौरान उत्कृष्ट कार्य करनेवालों को पुरस्कृत किया जा रहा है। आभार प्रदर्शन राज्य लोक सेवा अभिकरण की कार्यपालक निदेशक श्रीमती स्वाति मीणा ने किया। संचालन सुधीर कोचर ने किया। कार्यक्रम में अधिनियम के स्वरूप और विस्तार पर आधारित वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया।